फ्यूचर रिटेल के खिलाफ बीओआई ने एनसीएलटी का रुख किया, दिवाला याचिका दायर की

फ्यूचर रिटेल के खिलाफ बीओआई ने एनसीएलटी का रुख किया, दिवाला याचिका दायर की

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  • Publish Date - April 14, 2022 / 09:01 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:50 PM IST

नयी दिल्ली, 14 अप्रैल (भाषा) बैंक ऑफ इंडिया ने कर्ज में डूबी फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में एक याचिका दायर की है। याचिका में किशोर बियानी की अगुवाई वाली कंपनी के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने की अपील की गई है।

इसके अलावा बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) ने दिवाला न्यायाधिकरण को कंपनी के अंतरिम पेशेवर के रूप में विजय कुमार वी अय्यर को नियुक्त करने का सुझाव दिया।

फ्यूचर समूह की फर्म ने कहा कि उसे याचिका की एक प्रति मिली है और वह कानूनी सलाह ले रही है।

अपनी याचिका में बीओआई ने कहा है कि फ्यूचर समूह की कंपनी ने 31 दिसंबर 2021 को 3,494.56 करोड़ रुपये और 31 मार्च 2022 को 5,322.32 करोड़ रुपये के भुगतान दायित्वों की चूक की है।

बीओआई ने एनसीएलटी से याचिका को स्वीकार करने और एफआरएल के खिलाफ कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) शुरू करने के लिए एक आदेश देने का अनुरोध किया है।

एफआरएल ने शेयर बाजार को बताया, ‘‘बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) ने कंपनी के साथ किए गए समझौते के संदर्भ में देय धनराशि का भुगतान न करने पर कंपनी के खिलाफ ऋण शोधन अक्षमता एवं दिवाला संहिता, 2016 की धारा सात के तहत एक याचिका दाखिल करने की अग्रिम सूचना दी है।’’

इस महीने की शुरुआत में एफआरएल ने बताया था कि वह अपने ऋणदाताओं को समय पर 5,322.32 करोड़ रुपये अदा नहीं कर सकी। कंपनी ने बताया कि ऐसा अमेजन के साथ चल रहे मुकदमों और अन्य संबंधित मुद्दों के कारण हुआ।

एफआरएल को कर्ज देने वाले समूह के प्रमुख बैंक बीओआई ने पिछले महीने अखबार में एक सार्वजनिक नोटिस जारी कर एफआरएल की संपत्ति पर अपना दावा किया था। बीओआई ने फ्यूचर समूह की संपत्तियों के लेनदेन के प्रति जनता को सचेत भी किया था।

एफआरएल सहित फ्यूचर समूह की कई कंपनियों ने छह अगस्त, 2020 के रिजर्व बैंक के परिपत्र के संदर्भ में अपने ऋणदाताओं के साथ एक समझौता किया था। इसमें कोविड महामारी से संबंधित परेशानियों के मद्देनजर एक समाधान ढांचे की घोषणा की गई थी।

भाषा पाण्डेय अजय रमण

रमण