जलवायु परिवर्तन से बढ़ सकती है कर्ज में चूक की आशंका: आरबीआई डिप्टी गवर्नर |

जलवायु परिवर्तन से बढ़ सकती है कर्ज में चूक की आशंका: आरबीआई डिप्टी गवर्नर

जलवायु परिवर्तन से बढ़ सकती है कर्ज में चूक की आशंका: आरबीआई डिप्टी गवर्नर

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Modified Date: April 28, 2025 / 07:20 PM IST
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Published Date: April 28, 2025 7:20 pm IST

नयी दिल्ली, 28 अप्रैल (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन से उधारकर्ताओं के लिए परिचालन लागत बढ़ेगी और उनकी संपत्तियों के नुकसान का जोखिम पैदा होगा जिससे कर्ज में चूक करने की आशंका बढ़ जाएगी।

राव ने ‘भारत में हरित और टिकाऊ वित्त के लिए एक मजबूत परिवेश का निर्माण’ विषय पर अपने संबोधन में कहा कि जलवायु परिवर्तन के जोखिम वित्तीय संस्थानों, वित्तीय प्रणाली और वास्तविक अर्थव्यवस्था को परंपरागत जोखिम श्रेणियों के जरिये प्रभावित करते हैं जिनमें कर्ज से जुड़ा जोखिम अहम है।

राव ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से फसल के नुकसान, रोजगार की हानि और आजीविका के नुकसान जैसे विभिन्न तरीकों से वास्तविक अर्थव्यवस्था भी प्रभावित होती है।

उन्होंने हरित एवं टिकाऊ वित्तपोषण को बढ़ावा देने की जरूरत और कार्बन कटौती से जुड़े ऋण जोखिमों के विरोधाभास का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इस विरोधाभास का प्रबंधन करना महत्वपूर्ण है, जिसके लिए नियामकों को वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए एक नाजुक संतुलन साधना होगा।

केंद्रीय बैंक के डिप्टी गवर्नर ने हरित और टिकाऊ वित्त के लिए संरचनात्मक मुद्दों और उपलब्ध वित्तपोषण की मात्रा से संबंधित चुनौतियों का उल्लेख किया।

राव ने कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन के प्रति संवेदनशील होने के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर हरित बदलाव का नेतृत्व करने की क्षमता भी रखता है।

उन्होंने जलवायु-संबंधी वित्तीय जोखिमों के लिए विनियमित वित्तीय संस्थाओं में जोखिम प्रबंधन के विकासशील चरण में होने और अधिक ठोस प्रयासों की जरूरत पर भी बल दिया।

भाषा प्रेम

प्रेम रमण

रमण

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)