वाणिज्यिक कोयला खनन: नीलामी में बिके 19 ब्लॉकों से सालाना 7,000 करोड़ रु.का राजस्व मिलने की उम्मीद | Commercial coal mining: 19 blocks sold in auction expected to get revenue of Rs 7,000 crore annually

वाणिज्यिक कोयला खनन: नीलामी में बिके 19 ब्लॉकों से सालाना 7,000 करोड़ रु.का राजस्व मिलने की उम्मीद

वाणिज्यिक कोयला खनन: नीलामी में बिके 19 ब्लॉकों से सालाना 7,000 करोड़ रु.का राजस्व मिलने की उम्मीद

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:52 PM IST, Published Date : November 9, 2020/1:23 pm IST

नयी दिल्ली, नौ नवंबर (भाषा) कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि वाणिज्यिक खनन के लिए कोयला खानों की नीलामी में जबर्दस्त प्रतिस्पर्धा देखने को मिली है। जोशी ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि जिन 19 ब्लॉकों की नीलामी की गई है उनसे सालाना 7,000 करोड़ रुपये का राजस्व मिल सकता है।

उन्होंने बताया कि इन ब्लॉकों का परिचालन शुरू होने के बाद इनसे 69,000 से अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

वाणिज्यिक खनन के लिए कोयला ब्लॉकों की नीलामी से कोयला क्षेत्र निजी कंपनियों के लिए खुल गया है।

जोशी ने बताया, ‘‘इन ब्लॉकों की अधिकतम सामूहिक क्षमता 5.1 करोड़ टन सालाना की है। इस लिहाज से इन 19 खानों से सालाना करीब 7,000 करोड़ रुपये का राजस्व मिल सकता है।’’ उन्होंने कहा कि इन खानों की नीलामी में जबर्दस्त प्रतिस्पर्धा देखने को मिली। कंपनियों ने काफी अधिक प्रीमियम की पेशकश की।

जोशी ने कहा कि नीलामी के लिए 38 खानों को रखा गया था। इनमें से 19 खानों की नीलामी सफल रही। नीलामी की सफलता का प्रतिशत 50 रहा।

कोयला मंत्री ने कहा, ‘‘मैं राज्य सरकारों से बोली लगाने वाली कंपनियों से सहयोग की अपील करता है। जितनी जल्दी इन ब्लॉकों का परिचालन शुरू होगा, उतनी जल्दी राज्य सरकारों को इन ब्लॉकों से राजस्व मिलने लगेगा।’’

मंत्री ने कहा कि आगामी वर्षों में कोकिंग कोयले को छोड़कर अन्य कोयले का आयात बंद कर दिया जाएगा।

जोशी ने कहा कि जिस समय नीलामी शुरू की गई, व्यापक रूप से यह उम्मीद की जा रही थी कि खनन, बिजली और स्वच्छ कोयला क्षेत्र के निवेशक इस अवसर का लाभ उठाएंगे। हालांकि, बोली प्रक्रिया में रीयल एस्टेट, बुनियादी ढांचा और फार्मा क्षेत्र की कंपनियों ने भी भाग लिया। उन्होंने कहा कि उद्योग की सकारात्मक धारणा के बीच हमने बोली प्रक्रिया में ‘अंतिम प्रयोगकर्ता’ के मानदंड को हटाने का फैसला किया। करीब 65 प्रतिशत बोली लगाने वाली कंपनियां ‘गैर-अंतिम प्रयोगकर्ता’ श्रेणी की थी। जोशी ने बताया कि कुल 42 कंपनियों ने नीलामी में भाग लिया, जिसमें से 40 निजी क्षेत्र की थीं।

उन्होंने कहा कि 23 खानों के लिए कुल 76 बोलियां मिलीं। 19 खानों के लिए दो या अधिक बोलियां मिलीं। इन्हें तकनीकी बोली खोलने के पात्र पाया गया। वहीं तीन खानें ऐसी थीं जिनके लिए सिर्फ एक-एक बोली प्राप्त हुई।

भाषा अजय अजय मनोहर

मनोहर

 

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