दो सौ मीटर तक की सड़क सुरंग निर्माण के लिये पहले अनुभव होना जरूरी नहीं: गडकरी

दो सौ मीटर तक की सड़क सुरंग निर्माण के लिये पहले अनुभव होना जरूरी नहीं: गडकरी

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  • Publish Date - September 22, 2021 / 11:19 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:07 PM IST

नयी दिल्ली, 22 सितंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि 200 मीटर तक की लंबाई की सड़क सुरंग के निर्माण के लिये अब पूर्व अनुभव या शर्तों की आवश्यकता नहीं होगी।

गडकरी ने यह भी कहा कि भारत स्वच्छ ऊर्जा आधारित अर्थव्यवस्था को लेकर प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देश में लचीले-ईंधन इंजन के लिये नीति जल्द आयेगी। उन्होंने कहा कि भारत अपने सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को जैव-सीएनजी, एथनॉल, मेथनॉल, बिजली और हरित हाइड्रोजन जैसे पर्यावरण के अनुकूल ईंधन की ओर ले जा रहा है।

उद्योग मंडल एसोचैम के एक कार्यक्रम को ‘ऑनलाइन’ संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि सरकार उन परियोजनाओं में राजस्व जोखिम भी उठाती है जहां यातायात प्रवाह अनुमान से कम हो जाता है। फलत: इसके कारण पथकर संग्रह कम हो जाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘अब 200 मीटर लंबी सड़क सुरंग के निर्माण के लिए निर्माता के पास पूर्व अनुभव या शर्तों की आवश्यकता नहीं होगी।’’

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा, ‘‘अगर सुरंग की लंबाई 200 मीटर से अधिक है, तो उसके लिये दो लेन की सड़क सुरंग के निर्माण को अनुभव माना गया है।’’

गडकरी ने यह भी कहा कि यातयात में 5 प्रतिशत के घट-बढ़ के अलावा यातयात के मामले में जोखिम की अब भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) क्षतिपूर्ति करेगा।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण नरमी आयी ‘‘लेकिन सरकार की सभी क्षेत्रों के लिये अनुकूल नीतियों के कारण देश की जीडीपी वृद्धि दर 2021-22 की पहली तिमाही में रिकार्ड 20.1 प्रतिशत रही।

गडकरी ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और दूरदराज के इलाकों में संपर्क के लिये उनके मंत्रालय ने 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक सड़क सुरंग परियोजनाओं पर काम शुरू किया है।

उन्होंने कहा कि मंत्रालय में एक अलग ‘टनल जोन’ (सुरंग क्षेत्र) बनाया गया है। यह सुरंगों से जुड़े कार्यों में समन्वय करेगा और उसमें तेजी लाने में मदद करेगा।

गडकरी ने उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अन्य कार्यक्रम को वर्चुअल ढंग से संबोधित करते हुये कहा कि ‘‘भारत उत्कृष्ट स्वच्छ ऊर्जा आधारित अर्थव्यवसथा के लिये प्रतिबद्ध है। यह लक्ष्य वार्षिक उत्पादन की कार्ययोजना, वर्ष 2025- 26 तक एथनॉल की आपूर्ति और उसके देशव्यापी विपणन नेटवर्क के जरिये हासिल किया जायेगा।’’

गडकरी ने इस कार्यक्रम में यह भी कहा कि उनका मंत्रालय वाहन विनिर्माताओं के साथ फ्लैक्स-ईंधन इंजन को लेकर बातचीत कर रहा है। इसके साथ ही निर्माण उपकरण उद्योग में जैव-डीजल और एलएनजी के इस्तेमाल पर भी बात की जा रही है। ‘‘हम जल्द ही लचीले-ईंधन इंजन की नीति की घोषणा करेंगे। नीति से वाहन विनिर्माता इस तरह के इंजन का उत्पादन करने के लिये प्रोत्साहित होंगे।’’ इस प्रकार के इंजन एक से अधिक प्रकार के ईंधन से चल सकते हैं।

भाषा

रमण महाबीर

महाबीर