देश मजबूत आर्थिक बुनियाद के साथ वैश्विक चुनौतियों से निपटने में सक्षम: आरबीआई लेख

देश मजबूत आर्थिक बुनियाद के साथ वैश्विक चुनौतियों से निपटने में सक्षम: आरबीआई लेख

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  • Publish Date - April 18, 2022 / 07:30 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:53 PM IST

मुंबई, 18 अप्रैल (भाषा) वैश्विक स्तर पर जारी संकट को लेकर भारत के समक्ष चुनौतियां हैं। लेकिन देश व्यापक स्तर पर टीकाकरण, वित्तीय क्षेत्र की मजबूती और सुदृढ़ निर्यात के साथ इन चुनौतियों का बखूबी सामना कर रहा है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के एक लेख में यह कहा गया है। अप्रैल, 2022 के आरबीआई बुलेटिन में ‘अर्थव्यवस्था की स्थिति’ विषय से छपे लेख में कहा गया है कि भारत ने कोरोना महामारी की तीसरी लहर से पार पाते हुए संवत् 2079 में कदम रखा है। कई क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां जोर पकड़ रही हैं।

हालांकि भू-राजनीतिक संकट से उत्पन्न बाधाओं के कारण जोखिम है। यह महंगाई दर में वृद्धि, वित्तीय स्थिति कड़ी होने और व्यापार झटकों के साथ विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की निकासी के रूप में दिख रहा है।

लेख में कहा गया है, ‘‘भारत के समक्ष चुनौतियां हैं। लेकिन देश व्यापक स्तर पर टीकाकरण, वित्तीय क्षेत्र की मजबूती और सुदृढ़ निर्यात तथा विदेशों से भेजे जाने वाले धन एवं बुनियादी ढांचे पर पूंजी व्यय के जोर के साथ इन चुनौतियों का बखूबी सामना कर रहा है।’’

इसके अनुसार, आने वाले समय में वृद्धि को लंबे समय तक उच्चस्तर पर बनाये रखने के लिये निजी निवेश को प्रोत्साहित करना महत्वपूर्ण होगा।

आरबीआई ने यह साफ किया है कि लेख में विचार लेखकों के हैं और कोई जरूरी नहीं है कि वह केंद्रीय बैंक की सोच से मिलते हों।

लेखकों का कहना है कि अल्पकाल में वैश्विक परिदृश्य अभी चिंताजनक है। इसका कारण भू-राजनीतिक जोखिम का तेजी से बढ़ना है। इससे आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हुई है और मौद्रिक नीति को सामान्य बनाने की जरूरत बन पड़ी है।

उन्होंने लिखा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था इससे अछूती नहीं रह सकती।

जिंसों के दाम में तेजी खासकर आयात महंगा होने से मुद्रास्फीति के बढ़ने का खतरा है।

लेख के अनुसार, व्यापार और चालू खाते के बढ़ते घाटे के साथ विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की पूंजी निकासी से बाह्य स्तर पर जोखिम है। हालांकि, अर्थव्यवस्था की मजबूत बुनियाद और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा भंडार का संतोषजनक स्तर राहत की बात है।

भाषा

रमण अजय

अजय