न्यायालय ने टीएसआईआईसी से यूनिटेक को ब्याज समेत 165 करोड़ रुपये लौटाने को कहा

न्यायालय ने टीएसआईआईसी से यूनिटेक को ब्याज समेत 165 करोड़ रुपये लौटाने को कहा

न्यायालय ने टीएसआईआईसी से यूनिटेक को ब्याज समेत 165 करोड़ रुपये लौटाने को कहा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:20 pm IST
Published Date: February 17, 2021 4:32 pm IST

नयी दिल्ली, 17 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को नकदी संकट से जूझ रही यूनिटके लि. को राहत दी। न्यायालय ने तेलंगाना राज्य औद्योगिक बुनियादी ढांचा निगम (टीएसआईआईसी) को ब्याज के साथ 165 करोड़ रुपये जमीन जायदाद के विकास से जुड़ी कंपनी को लौटाने को कहा।

निगम कंपनी को राज्य में रंगारेड्डी जिले में समन्वित टाउनशिप परियोजना के विकास के लिये करीब 350 एकड़ जमीन सौंप नहीं पाया था, जिससे परियोजना आगे नहीं बढ़ पायी।

आंध्र प्रदेश औद्योगक बुनियादी ढांचा निगम लि. ने यूनिटेक लि. और उसकी अनुषंगी के साथ टाउनशिप परियोजना के लिये विकास समझौता किया था। रीयल एस्टेट कंपनी ने सरकारी निकाय के पास 165 करोड़ रुपये जमा किये थे।

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हालांकि परियोजना आगे नहीं बढ़ सकी। राज्य के विभाजन के बाद टीएसआईआईसी ने परियोजना से जुड़े मामले आंध्र प्रदेश औद्योगक बुनियादी ढांचा निगम लि. (एपीआईआईसी) से ले लिये। राज्य विभाजन के बाद दावा मुक्त जमीन आबंटन सुनिश्चित नहीं कर सका। उसके बाद कंपनी ने पैसे की वापसी के लिये कानूनी रास्ता अपनाया।

न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायाधीश एम आर शाह ने इस मामले में एकल न्यायाधीश और तेलंगाना उच्च न्यायालय की खंडपीठ के रीयल एस्टेट कंपनी के पक्ष में फैसले के मुख्य निर्देशों को बरकरार रखा।

न्यायालय यूनिटेक, टीएसआईआईसी और तेलंगाना सरकार के उच्च न्यायालय की खंडपीठ के खिलाफ तीन अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था।

न्यायालय ने अपने फैसले में कहा, ‘‘यूनिटेक ब्याज के साथ 165 करोड़ रुपये वापस पाने की हकदार है। ब्याज एसबीआई के पीएलआर (प्रधान उधारी दर) पर आधारित होगा और भुगतान की तिथ से देय होगा…।’’

शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के एक निर्देश को संशोधित किया जिसके तहत ब्याज भुगतान 14 अक्टूबर, 2015 से देने की बात कही गयी थी। न्यायालय के अनुसार ब्याज का भुगतान उस समय से किया जाएगा, जब राशि दी गयी थी।

भाषा

रमण मनोहर

मनोहर


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