फ्यूचर- रिलायंस सौदे पर अमेजन को नियामकों को अवगत कराने पर रोक का निर्देश देने से न्यायालय का इनकार

फ्यूचर- रिलायंस सौदे पर अमेजन को नियामकों को अवगत कराने पर रोक का निर्देश देने से न्यायालय का इनकार

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  • Publish Date - December 21, 2020 / 05:12 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:34 PM IST

नयी दिल्ली, 21 दिसंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने अमेजन को सेबी, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) और अन्य प्राधिकरणों के समक्ष फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) के रिलायंस रिटेल के साथ किए गये 24,713 करोड़ रुपये के सौदे का विरोध करने की अनुमति दे दी। हालांकि, अदालत ने अमेजन के फ्यूचर रिटेल को नियंत्रित करने के प्रयासों को फेमा और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों का उल्लंघन बताया।

न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने वैधानिक प्राधिकरणों और नियामकों को अमेजन की आपत्तियों पर कानून के मुताबिक फैसला लेने को कहा है। अदालत ने हालांकि एफआरएल के निदेशक मंडल के रिलायंस के साथ 24,713 करोड़ रुपये के सौदे मंजूरी देने को खारिज नहीं किया।

फ्यूचर समूह ने अपनी याचिका में दावा किया था कि अमेजन 24,713 करोड़ रुपये के रिलायंस- फ्यूचर सौदे पर आपातकालीन मध्यस्थता न्यायाधिकरण के फैसले के बारे में प्राधिकरणें को लिख रही है। मामले में सिंगापुर की अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत ने अमेजन के पक्ष में फैसला दिया था।

अदालत ने आदेश में कहा कि एफआरएल ने अंतरिम निषेधाज्ञा जारी करने के लिए आवेदन किया है। लेकिन पहली नजर में संतुलन फ्यूचर रिटेल और अमेजन दोनों के पक्ष में है, और क्या किसी भी पक्ष को कोई अपूरणीय क्षति होगी, यह मुकदमे की सुनवाई के दौरान या सक्षम मंच द्वारा निर्धारित किया जाना है।

अदालत ने आगे कहा कि उसने इस वजह से भी अंतरिम तौर पर निषेधाज्ञा नहीं दी, क्योंकि एफआरएल और अमेजन, दोनों ही वैधानिक प्राधिकारियों या नियामकों के समक्ष अपनी बात कह चुके हैं और अब इस बारे में ‘‘वैधानिक प्राधिकारियों/ नियामकों को निर्णय लेना है।’’

न्यायालय ने कहा कि समझौते को मंजूरी देने वाला एफआरएल का 29 अगस्त का बोर्ड प्रस्ताव अवैध नहीं था, जैसा कि अमेजन ने दावा किया है और इस बारे में वैधानिक अधिकारियों तथा नियामकों के समक्ष अमेजन की दलील गलत दावों पर आधारित थी।

हालांकि, उच्च न्यायालय एफआरएल की इस दलील से सहमत नहीं था कि 25 अक्टूबर का अपातकालीन मध्यस्थता (ईए) आदेश कानूनी अधिकार क्षेत्र के बाहर था और इस कारण यह आदेश अमान्य है।

ऐसे में अदालत ने एफआरएल की अंतरिम रोक लगाने के आवेदन को रद्द करते हुए कहा कि मांगी गई राहत नहीं दी जा सकती।

सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (एसआईएसी) ने 25 अक्टूबर के अपने आदेश में अमेजन के पक्ष में फैसला देते हुए फ्यूचर रिटेल लिमिटेड पर कंपनी की परिसंपत्तियों के किसी भी तरह के हस्तांतरण, परिसमापन या किसी करार के तहत दूसरे पक्ष से कोष हासिल करने के लिए प्रतिभूतियां जारी करने पर रोक लगायी है।

मामला पिछले साल अगस्त में फ्यूचर समूह की कंपनी फ्यूचर कूपन्स लिमिटेड में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी का अमेजन द्वारा अधिग्रहण किए जाने और इसी के साथ समूह की प्रमुख कंपनी फ्यूचर रिटेल में पहले हिस्सेदारी खरीदने के अधिकार से जुड़ा है। फ्यूचर रिटेल में फ्यूचर कूपन्स की भी हिस्सेदारी है।

इस संबंध में विवाद तब उत्पन्न हुआ जब फ्यूचर समूह ने करीब 24,000 करोड़ रुपये में अपने खुदरा, भंडारण और लॉजिस्टिक कारोबार को रिलायंस इंडस्ट्रीज को बेचने का समझौता किया।

भाषा

शरद महाबीर

महाबीर