एल्युमीनियम कबाड़ पर सीमा शुल्क बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने की मांग

एल्युमीनियम कबाड़ पर सीमा शुल्क बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने की मांग

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  • Publish Date - January 25, 2022 / 05:49 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:46 PM IST

Demand to increase customs duty : नयी दिल्ली, 25 जनवरी (भाषा) एल्युमीनियम उद्योग ने सरकार से एल्युमीनियम कबाड़ पर सीमा शुल्क बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने की मांग की है।

भारतीय एल्युमीनियम संघ (एएआई) ने मंगलवार को कहा कि पर्याप्त घरेलू एल्युमीनियम कबाड़ उत्पन्न करने की क्षमता होने के बावजूद भारत में कबाड़ की खपत लगभग पूरी तरह से आयात पर निर्भर है।

प्राथमिक एल्युमीनियम पर वर्तमान में 7.5 फीसदी, डाउनस्ट्रीम एल्युमीनियम पर 7.5 से 10 प्रतिशत और एल्युमीनियम स्क्रैप या कबाड़ पर सिर्फ 2.5 प्रतिशत सीमा शुल्क है।

संगठन ने एक बयान में कहा, ‘‘यही कारण है कि प्राथमिक एल्युमीनियम क्षमता की महत्वपूर्ण उपस्थिति और पर्याप्त घरेलू कबाड़ उत्पन्न करने की क्षमता होने के बावजूद देश में एल्युमीनियम कबाड़ की खपत 100 प्रतिशत आयात पर निर्भर है। इसलिए एल्युमीनियम कबाड़ पर सीमा शुल्क को 2.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर देना चाहिए।’’

एल्युमीनियम और एल्युमीनियम कबाड़ पर मूल सीमा शुल्क अन्य अलौह धातुओं जैसे जस्ता, सीसा, निकेल और टिन के अनुरूप नहीं है। यह घरेलू एल्युमीनियम उत्पादकों के लिए एक बड़ा नुकसान है।

उद्योग को इसके अलावा मूल सीमा शुल्क की दर या अधिकतम सीमा शुल्क दर मौजूदा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने की उम्मीद है।

उद्योग के अनुसार, एल्युमीनियम कबाड़ के बढ़ते आयात से प्राथमिक एल्युमीनियम उद्योग को गंभीर खतरे का सामना करना पड़ रहा है। कुल आयात में एल्युमीनियम कबाड़ की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2015-16 में 52 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2020-22 में 66 प्रतिशत हो गई। इसके कारण 15,000 करोड़ रुपये के बराबर की विदेशी मुद्रा का नुकसान हुआ है।

भाषा जतिन अजय

अजय