घरेलू कच्चा कोकिंग कोल उत्पादन वर्ष 2030 तक 14 करोड़ टन तक पहुंचने का अनुमान

घरेलू कच्चा कोकिंग कोल उत्पादन वर्ष 2030 तक 14 करोड़ टन तक पहुंचने का अनुमान

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  • Publish Date - June 25, 2022 / 07:32 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:10 PM IST

नयी दिल्ली, 25 जून (भाषा) सरकार ने शनिवार को कहा कि देश का घरेलू कच्चे कोकिंग कोल उत्पादन वर्ष 2030 तक मौजूदा 5.17 करोड़ टन से बढ़कर 14 करोड़ टन तक पहुंच सकता है। लोहा और इस्पात के उत्पादन के लिए कोकिंग कोल एक आवश्यक कच्चा माल है।

कोयला मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘प्रधानमंत्री की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत कोयला मंत्रालय द्वारा किए गए परिवर्तनकारी उपायों के साथ घरेलू कच्चे कोकिंग कोल का उत्पादन वर्ष 2030 तक 14 करोड़ टन तक पहुंचने की संभावना है।’

कच्चे कोकिंग कोल के उत्पादन को बढ़ाने के लिए केंद्र ने पिछले दो वर्षों में 2.25 करोड़ टन की ‘पीक रेटेड’ क्षमता (पीआरसी) वाले 10 कोकिंग कोल ब्लॉकों की नीलामी निजी क्षेत्र को की है। इनमें से अधिकांश ब्लॉकों में वर्ष 2025 तक उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है।

बयान के मुताबिक, मंत्रालय ने चार कोकिंग कोल ब्लॉक की भी पहचान की है और सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट (सीएमपीडीआई) अगले दो महीनों में चार से छह नए कोकिंग कोल ब्लॉक के लिए भूवैज्ञानिक भंडार (जीआर) को भी अंतिम रूप देगा।

देश में घरेलू कच्चे कोकिंग कोयले की आपूर्ति बढ़ाने के लिए इन ब्लॉकों को निजी क्षेत्र को बेचा जा सकता है।

घरेलू कोयला उत्पादन में 80 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखने वाले कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने मौजूदा खदानों से कच्चे कोकिंग कोल उत्पादन को 2.6 करोड़ टन तक बढ़ाने की योजना बनाई है और वित्त वर्ष 2024-25 तक लगभग दो करोड़ टन की अधिकतम क्षमता वाली नौ नई ख़दानों की पहचान की है।

देश ने वर्ष 2021-22 के दौरान 5.17 करोड़ टन कच्चे कोकिंग कोयले का उत्पादन किया, जो वित्त वर्ष 2020-21 के 4.48 करोड़ टन की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक है।

भाषा राजेश राजेश प्रेम

प्रेम