मसौदा विधेयक से संकटग्रस्त दूरसंचार कंपनियों को शायद ही मदद मिलेः रिपोर्ट

मसौदा विधेयक से संकटग्रस्त दूरसंचार कंपनियों को शायद ही मदद मिलेः रिपोर्ट

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  • Publish Date - September 26, 2022 / 08:33 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:02 PM IST

मुंबई, 26 सितंबर (भाषा) रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स ने सोमवार को कहा कि भारतीय दूरसंचार प्रारूप विधेयक से दिवाला प्रक्रिया का सामना कर रही दूरसंचार कंपनियों के लिए समाधान प्रक्रिया तेज करने में शायद ही मदद मिले।

इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि इस मसौदा विधेयक में दूरसंचार स्पेक्ट्रम का स्वामित्व सरकार के पास होने का प्रावधान रखा गया है जिससे यह संदेश निकलता है कि ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवाला संहिता (आईबीसी) के तहत कर्जदाता इस स्पेक्ट्रम के मूल्य की बिक्री नहीं कर सकते हैं।

रेटिंग एजेंसी के मुताबिक, इस मसौदा विधेयक में यह प्रावधान भी रखा गया है कि कर्जग्रस्त दूरसंचार ऑपरेटर अगर सरकार को बकाया का भुगतान कर पाने में नाकाम रहता है तो सरकार के पास उसे बेचे गए स्पेक्ट्रम को वापस लेने का अधिकार होगा। ऐसा होने पर इस तरह की दूरसंचार कंपनियों की परिचालन व्यवहार्यता को लेकर चिंता बढ़ सकती है।

इसके साथ ही इंडिया रेटिंग्स की रिपोर्ट कहती है कि राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने भी जुलाई 2021 के अपने फैसले में किसी दूरसंचार कंपनी को दिवाला प्रक्रिया के लिए भेजे जाने के पहले सरकारी बकाये का भुगतान करना होगा।

रेटिंग एजेंसी ने कहा, ‘समाधान प्रक्रिया पर इस विधेयक के प्रभाव को देखे जाने की जरूरत है, खासकर यह देखते हुए कि रुग्ण दूरसंचार कंपनियों के पास सरकारी बकाया चुका पाने के लिए जरूरी वित्तीय लचीलापन न हो।’

एजेंसी के मुताबिक, यह मसौदा विधेयक पिछले दो वर्षों से दूरसंचार क्षेत्र को अपनी चपेट में ले चुके कई प्रमुख बिंदुओं पर भी स्पष्टता लाने की बात करता है।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण