कोविड के बाद तीन ‘सकारात्मक’ पहलुओं के आधार पर अर्थव्यवस्था का होगा पुनरोद्धार: सुब्बाराव | Economy to be revived on the basis of three 'positive' aspects after Covid: Subbarao

कोविड के बाद तीन ‘सकारात्मक’ पहलुओं के आधार पर अर्थव्यवस्था का होगा पुनरोद्धार: सुब्बाराव

कोविड के बाद तीन ‘सकारात्मक’ पहलुओं के आधार पर अर्थव्यवस्था का होगा पुनरोद्धार: सुब्बाराव

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:54 PM IST, Published Date : December 29, 2020/1:45 pm IST

हैदराबाद, 29 दिसंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव ने कहा है कि कोविड-19 महामारी और उसके प्रसार पर अंकुश के लिए लॉकडाउन की वजह से दुनिया के तमाम देशों की अर्थव्यवस्थाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं, लेकिन भारत अपने तीन सकारात्मक पहलुओं के बल पर आर्थिक पुनरुत्थान के रास्ते पर आगे बढ़ सकता है।

पूर्व गवर्नर ने एक तेलुगू पुस्तक ‘मान्ध्याम मुंगिता देसम’ (मंदी में देश) की प्रस्तावना में लिखा है कि तीन सकारात्मक पहलू… ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा, मजबूत संघवाद और विशाल उपभोग आधार के जरिये भारत आगे अपनी अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार कर सकता है। यह पुस्तक तुम्माला किशोर ने लिखी है।

सुब्बाराव ने कहा कि सरकार के समक्ष आगामी महीनों और वर्षों के लिए चुनौतियां स्पष्ट हैं…. अर्थव्यवस्था को मजबूत वृद्धि की राह पर लाना और यह सुनिश्चित करना कि वृद्धि समावेशी हो। कम आय वर्ग के परिवारों को भी तेज वृद्धि का लाभ मिले।

सुब्बाराव ने कहा, ‘‘विस्तारित मनरेगा से जब जरूरत थी काफी मदद मिली। महिलाओं, पेंशनभोगियों और किसानों को शुरुआत में ही किये गये भुगतान से परिवारों के हाथ में पैसा आया, जिससे मांग सुधारने में मदद मिली।

उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की तेज खरीद से किसानों की आमदनी बढ़ी और इससे सरकार को अपने खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम को नवंबर अंत तक बढ़ाने में मदद मिली।

पूर्व गवर्नर ने लिखा है कि दूसरा सकारात्मक पहलू उन्हें जो दिखता है वह भारत का संघवाद है। केंद्र और राज्यों के बीच जीएसटी मुआवजा और अन्य मुद्दों पर खींचतान के बावजूद यह मजबूत बना हुआ है। इन विवादों के बावजूद केंद्र और राज्यों ने महामारी का मिलकर प्रबंधन किया।

सुब्बाराव ने कहा कि तीसरा सकारात्मक पहलू देश का विशाल उपभोक्ता आधार है। यहां 1.35 अरब की आबादी है और प्रति व्यक्ति आय 2,000 डॉलर से कुछ अधिक है। ‘‘इस तरह की स्थिति में निचले तबके के आधे लोगों की आय में वृद्धि से ही खपत में तीव्र वृद्धि होगी और इससे उत्पादन में भी तेज वृद्धि होगी।’’

भाषा अजय

अजय महाबीर

महाबीर

 

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