शह मात The Big Debate: सत्यमेव जयते Vs वंदे मातरम, नरेटिव की जंग.. किसमें दम? सड़क से सदन तक शोर, ऐतिहासिक वाक्यों का सियासी इस्तेमाल कितना सहीं?
सत्यमेव जयते Vs वंदे मातरम, नरेटिव की जंग.. किसमें दम? Congress raised the slogan of Satyamev Jayate From Parliament to the Chhattisgarh Assembly
रायपुरः Chhattisgarh News नेशनल हेराल्ड केस में गांधी परिवार को मिली राहत के बाद देश की संसद से लेकर छत्तीसगढ़ विधानसभा तक कांग्रेस ने सत्यमेव जयते के नारे लगाए। जांच ऐजेंसी के दुरूपयोग के आरोप के साथ विपक्ष ने बीजेपी मुख्यालय घेरने में मार्च निकाला। दूसरी तरफ बीजेपी ने कांग्रेस को सौम्या चौरसिया पर ED की ताजा कार्रवाई को सामने रखते हुए, करप्शन पर घेरा और सदन में वंदे मातरम पर बहस के दौरान कांग्रेस पर तुष्टिकरण और परिवारवाद के आरोप लगाए। एक अहम बात ये भी कि 14 दिसंबर से, नए विधानसभा भवन में लगे शीत सत्र में पहली बार हुआ जब कांग्रेस ने आखिरी दिन, कार्यवाही में हिस्सा लिया। सदन में सत्यमेव जयते और वंदे मातरम के नारे बुलंद किए जाते रहे।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीत सत्र के अंतिम दिन सदन में वंदे मातरम् पर बीजेपी विधायकों ने चर्चा को नितांत जरूरी बताते हुए कांग्रेस पर तुष्टिकरण की खातिर इसमें काट-छांट करने का आरोप लगाया तो नेता प्रतिपक्ष ने बीजेपी को ये कहते हुए घेरा कि राष्ट्रगीत के बहाने बीजेपी आज लोगों को बांटने का प्रयास कर रही है। एक तरफ वंदे मातरम पर बहस तो दूसरी तरफ नेशनल हेराल्ड केस में कोर्ट से गांधी परिवार को राहत मिलते ही छत्तीसगढ़ विधानसभा में कांग्रेसी विधायकों ने हाथों में सत्यमेव जयते के पोस्टर और तख्ती लेकर सदन में जमकर नारे लगाए। हंगामा इस कदर बढ़ा कि प्रश्नकाल 3 बार स्थगित करना पड़ा। पूर्व CM भूपेश बघेल ने केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के विरोध में स्थगन प्रस्ताव रखा।
Chhattisgarh News नेशनल हेराल्ड केस और केंद्रीय एजेंसियों के दुरूपयोग पर कांग्रेस ने भाजपा के एकात्मक परिसर के घेराव के लिए कूच किया। सत्यमेव जयते का नारे लगाते कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच जमकर झूमाझटकी हुई। बैज ने इसे सत्य की जीत बताया तो डिप्टी CM अरुण साव ने इसे परिवार की चाटुकारिता की हद बताया। हेराल्ड केस में गांधी परिवार को राहत पर कांग्रेस हमलवार रही तो दूसरी तरफ पूर्व CM भूपेश बघेल की उपसचिव सौम्या चौरसिया पर ED की ताजा कार्रवाई के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर करारा कटाक्ष किया। कुल मिलाकर नारों के बहाने कांग्रेस ने बीजेपी को केंद्रीय जांच ऐजेंसियों को विपक्ष के खिलाफ सियासी हथियार बनाने के आरोप पर घेरा। सदन से सड़क तक ताकत दिखाई, प्रदर्शन किया तो वंदेमातरम के मूल स्वरूप में छेड़छाड़, आपातकाल और सौम्या की गिरफ्तारी के बहाने बीजेपी ने कांग्रेस को करप्शन, तुष्टिकरण और परिवारवाद पर कोसा। सवाल है कि इस लड़ाई में जनता के असल मुद्दे, समस्या और पीड़ा है या फिर महज सियासी रस्साकशी।
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