पिछली तारीख से कराधान को खत्म करने से सरकार और उद्योग के बीच भरोसा बढ़ा: राजनाथ

पिछली तारीख से कराधान को खत्म करने से सरकार और उद्योग के बीच भरोसा बढ़ा: राजनाथ

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  • Publish Date - September 15, 2021 / 10:03 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:07 PM IST

नयी दिल्ली, 15 सितंबर (भाषा) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि पिछली तारीख से कराधान व्यवस्था को खत्म करने के बाद सरकार एवं उद्योग के बीच भरोसा बढ़ा है तथा केंद्र देश की आर्थिक वृद्धि को और बढ़ावा देने के लिए नये विचारों का स्वागत करता है।

भारत-अमेरिका चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित भारत-अमेरिका आर्थिक शिखर सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि शीर्ष अमेरिकी तथा भारतीय रक्षा कंपनियों के बीच सैन्य उपकरणों के साझा-उत्पादन और साझा-विकास की बहुत गुंजाइश है।

उन्होंने यह भी कहा कि इस सहयोग से दोनों देशों की द्विपक्षीय आर्थिक गतिशीलता को मजबूत करने में काफी मदद मिलेगी।

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत एक मजबूत और विश्वसनीय निवेश गंतव्य है और अमेरिकी कंपनियों को संयुक्त उद्यमों के जरिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर ध्यान देना चाहिए।

उन्होंने आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार द्वारा लिए गए कई फैसलों का उल्लेख किया और कहा कि वैश्विक निवेशकों का अब भारत में ‘‘लालफीताशाही’’ की जगह ‘लाल कालीन’’ से स्वागत हो रहा है।

सिंह ने कहा, ‘हम वित्त वर्ष 2022 में कोविड-19 की चुनौती के बावजूद दोहरे अंकों की वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। लेकिन असली चुनौती 2022 के बाद के वर्षों में सात से आठ प्रतिशत की स्वस्थ वृद्धि दर बनाए रखने की होगी।’

उन्होंने साथ ही कहा कि सरकार इस पूरे दशक में गतिशील विकास की तैयारी कर रही है।

रक्षा मंत्री ने विभिन्न रक्षा कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘हम एक ऐसे मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक के रूप में काम करने के लिए तैयार हैं जिसके साथ आप उद्योग एवं कारोबार से जुड़े मुद्दों तथा समस्याओं पर खुलकर चर्चा कर सकते हैं।’

उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना वायरस महामारी ने आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान, औद्योगिक गतिविधियों में मंदी, यात्रा और पर्यटन उद्योग में नकारात्मक वृद्धि के मामले में नई चुनौतियां पेश की हैं और इसमें कोई संदेह नहीं है कि सामान्य स्थिति को बहाल करने और आगे का सफर तय करने में भारत-अमेरिका सहयोग की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।’’

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘हमने प्रगतिशील और निवेशकों के अनुकूल कर नीतियां तैयार की हैं। हमने पूर्वव्यापी कराधान को अलविदा कह दिया है।’’

सिंह ने कहा, ‘‘पिछली तारीख से कराधान को खत्म करने के बाद सरकार और उद्योग के बीच भरोसा बढ़ा है। ऐसा करके हमने पिछली सरकार (संप्रग) की गलती को सुधारा है।’’

गौरतलब है कि सरकार ने पिछले महीने विवादित पूर्वव्यापी कराधान को खत्म कर दिया था। करीब नौ साल पहले यह कानून प्रभाव में आया था।

सिंह ने उद्योगपतियों से रक्षा क्षेत्र में भारत की वास्तविक क्षमता हासिल करने के लिए संयुक्त उद्यमों के माध्यम से प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण पर ध्यान देने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा, ‘विदेशी ओईएम (मूल उपकरण निर्माता) ‘मेक इन इंडिया’ पहल का लाभ उठाने लिए अकेले विनिर्माण प्रतिष्ठान स्थापित कर सकते हैं या संयुक्त उद्यम या प्रौद्योगिकी समझौते के माध्यम से भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी कर सकते हैं।’

रक्षा मंत्री ने यह विश्वास व्यक्त करते हुए कि अमेरिकी कंपनियां भारत को रक्षा निर्माण के लिए एक प्रमुख निवेश गंतव्य पाएंगी, उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार भारत में व्यापार के अनुकूल वातावरण के निर्माण के लिए नए विचारों का स्वागत करती है।

भाषा प्रणव अजय

अजय