नयी दिल्ली, 13 मई (भाषा) कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने बीते वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 4.45 करोड़ दावों का निपटान किया है। इनमें से 2.84 करोड़ दावे ईपीएफ खाते से पैसा निकालने को लेकर थे।
श्रम मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि ‘जीवनयापन में आसानी’ के लिए ईपीएफ योजना, 1952 के पैरा 68के… शिक्षा और विवाह को लेकर… और 68बी…मकान के लिए… के तहत सभी दावों को स्वत: दावा समाधान व्यवस्था के अंतर्गत लाया गया है।
इसके अलावा, सीमा को पहले के 50,000 रुपये से दोगुना कर 1,00,000 रुपये कर दिया गया है। इस कदम से लाखों ईपीएफओ सदस्यों को फायदा होने की उम्मीद है।
बयान के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान ईपीएफओ ने लगभग 4.45 करोड़ दावों का निपटान किया। इनमें से 60 प्रतिशत से अधिक (2.84 करोड़) अग्रिम दावे (बीमारी, शादी, शिक्षा जैसे आधार पर पैसे निकालने के लिए) थे।
वर्ष के दौरान पैसे निकालने को लेकर निपटाये गये दावों में से लगभग 89.52 लाख दावों का निपटान स्वत: व्यवस्था का उपयोग करके किया गया।
स्वत: निपटान प्रक्रिया सूचना प्रौद्योगिकी से संचालित है। इसमें मानवीय हस्तक्षेप नहीं होता।
परिणामस्वरूप, ऐसे अग्रिमों के लिए दावा निपटान में लगने वाला समय 10 दिन से घटकर तीन-चार दिन रह गया है।
जिन दावों को प्रणाली से सत्यापन नहीं हो पाता है, उन्हें वापस या अस्वीकार नहीं किया जाता है। उन्हें दूसरे स्तर की जांच और अनुमोदन के लिए आगे बढ़ाया जाता है।
आवास, विवाह और शिक्षा आदि उद्देश्यों के लिए तकनीकी आधारित स्वत: दावों के निपटान की व्यवस्था सीधे तौर पर कई सदस्यों को कम समय में कोष का लाभ उठाने में मदद करेगी।
इस व्यवस्था को छह मई, 2024 को पूरे देश में लागू किया गया और तब से ईपीएफओ ने त्वरित सेवा प्रदान करने वाली इस पहल के तहत 45.95 करोड़ रुपये के 13,011 मामलों को मंजूरी दी है।
बीमारी के इलाज के लिए ईपीएफ खाते से राशि निकालने को लेकर लोगों की सहायता के लिए अप्रैल, 2020 में दावा निपटान की स्वत: व्यवस्था पेश की गयी थी। इसके तहत दावे की सीमा बढ़ाकर 1,00,000 रुपये कर दी गई है।
भाषा
रमण अजय
अजय