मूंगफली छोड़कर बाकी खाद्य तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट

मूंगफली छोड़कर बाकी खाद्य तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट

मूंगफली छोड़कर बाकी खाद्य तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट
Modified Date: September 21, 2023 / 10:13 pm IST
Published Date: September 21, 2023 10:13 pm IST

नयी दिल्ली, 21 सितंबर (भाषा) विदेशी बाजारों में मामूली घट-बढ़ के बीच बृहस्पतिवार को देश के तेल-तिलहन बाजारों में मूंगफली तेल-तिलहन छोड़कर बाकी सभी खाद्य तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट देखी गई। कम स्टॉक के बीच मूंगफली तेल-तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर बंद हुए।

देश में सस्ते आयातित तेलों की भरमार के बीच सरसों और सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) और पामोलीन तथा बिनौला तेल गिरावट दर्शाते बंद हुए। लेकिन अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) अधिक तय किये जाने की वजह से उपभोक्ताओं को खाद्य तेल महंगे में ही खरीदना पड़ रहा है।

मलेशिया और शिकॉगो एक्सचेंज में मामूली घट- बढ़ है।

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सूत्रों ने कहा कि देश के प्रमुख तेल संगठनों को बंदरगाहों पर आयातित तेल लागत से कम दाम पर बेचने वालों के नाम का खुलासा करना चाहिये जो बैंकों से लिए कर्ज को डुबा रहे हैं। तेल संगठनों को देश के अंदर के हालात के बारे में सरकार को आगाह करते रहना होगा।

सूत्रों ने कहा कि कल रात अर्जेंटीना में सोयाबीन तेल का दाम लगभग साढ़े चार प्रतिशत टूटा था लेकिन इसके बावजूद जिस भाव से आयातक बंदरगाहों पर बिकवाली कर रहे हैं, उसमें लगभग पांच प्रतिशत का नुकसान है। विदेश में कल सोयाबीन डीगम तेल का भाव 1,030 डॉलर प्रति टन था जो आज घटकर 985 डॉलर प्रति टन रह गया।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2007-08 में सूरजमुखी बीज (तिलहन) का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1,150 रुपये क्विंटल था जो इस खरीफ मौसम में 6,700 रुपये क्विन्टल हो चला है। इसी प्रकार सरसों का एमएसपी वर्ष 2007-08 में 1,850 रुपये क्विंटल था जो मौजूदा वक्त में 5,450 रुपये क्विंटल है। अगर तिलहन के दाम की वृद्धि की तुलना खाद्य तेल के दाम में वृद्धि से करें तो वह नगण्य है। इसका एक उदाहरण सूरजमुखी तेल से दिया जा सकता है जिसका थोक दाम वर्ष 2007-08 में 70 रुपये लीटर था और मौजूदा समय में इस तेल का थोक दाम 76 रुपये लीटर है।

सूत्रों ने कहा कि खाद्य तेलों से प्राप्त होने वाले दुधारू मवेशियों के आहार – तेल खल की कमी और नतीजतन खल के दाम बढ़ने से वर्ष 2007-08 से अबतक दूध के दाम कई गुना बढ़े हैं। अगर देशी तेल- तिलहन के खपने की नौबत नहीं आई तो आगे जाकर खल की दिक्कतें और बढ़ने वाली हैं। पिछले साल दिसंबर में बिनौला खल के दिसंबर अनुबंध का भाव 2,200-2,250 रुपये क्विंटल था। मौजूदा समय में दिसंबर अनुबंध का वायदा कारोबार में भाव 2,600-2,700 रुपये क्विन्टल हो चला है।

बृहस्पतिवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 5,425-5,475 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 7,540-7,590 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 18,200 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल 2,660-2,945 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 9,850 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,690 -1,785 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,690 -1,800 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 9,450 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 9,400 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 7,775 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 7,600 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 8,100 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 8,850 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 7,950 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 5,015-5,110 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,765-4,880 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,015 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय


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