Income Tax Return 2023: टैक्स पेयर्स को वित्त मंत्रालय ने दी बड़ी राहत! अब नहीं भरना पड़ेगा पूरा टैक्स, जानिए कैसे उठा सकते हैं फायदा?
Exemption from old tax regime on ITR ब न्यू टैक्स रिजीम के तहत 7 लाख रुपये सालाना तक की आय पर आयकर से राहत
Exemption from old tax regime on ITR
Exemption from old tax regime on ITR : नई दिल्ली। 1 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने व्यक्तिगत आयकर में बदलाव की घोषणा की थी। निर्मला सीतारमण ने घोषणा में कहा था कि सरकार के जरिए लगाई गई नई टैक्सेशन व्यवस्था वित्तीय वर्ष 2023-24 से डिफॉल्ट होगी। अब न्यू टैक्स रिजीम के तहत 7 लाख रुपये सालाना तक की आय पर आयकर से राहत देने की बात कही गई है। इसके अलावा न्यू टैक्स रिजीम सिलेक्ट करने वालों को 50000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन का भी फायदा मिलेगा।
ओल्ड टैक्स रिजीम से उठाएं भरपूर फायदा
टैक्स रिजीम चुनने वालों को राहत देते हुए वित्त मंत्री ने घोषणा की है कि जिनकी कुल आय सात लाख रुपये तक है उन्हें कोई टैक्स नहीं देना होगा। इसके अलावा टैक्स स्लैब की संख्या भी घटाकर सात से छह हुई। न्यू टैक्स रिजीम में किसी प्रकार के इनवेस्टमेंट पर छूट नहीं मिलती है। लेकिन यदि आपको इंवेस्टमेंट पर या अन्य प्रकार की छूट चाहिए तो आपको ओल्ड टैक्स रिजीम सिलेक्ट करना चाहिए और इसके हिसाब से ही टैक्स रिटर्न दाखिल करना चाहिए।
अच्छी बात है कि सैलरीड प्रोफेशनल्स के पास हर फाइनेंशियल ईयर में टैक्स रिजीम को स्विच करने का ऑप्शन मिला हुआ है, जिसका वो भरपूर फायदा उठा सकते हैं।
Exemption from old tax regime on ITR : बता दें कि बजट 2023 में नई टैक्स रिजीम में अब सैलरीड और पेंशनर्स को 50,000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिल रहा है। फैमिली पेंशनर्स को भी 15,000 का डिडक्शन मिल रहा है। इसके अलावा, अब न्यू टैक्स रिजीम ही डिफॉल्ट टैक्स रिजीम है। इसमें 3 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। 7 लाख तक आय वालों को टैक्स रिबेट मिलेगा, जिसके बाद उनको भी टैक्स नहीं भरना होगा। इसमें टैक्स स्लैब घटा दिए गए हैं।
ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत मिलने वाली छूट
- स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत नौकरीपेशाा के लिए 50000 रुपये की छूट।
- सेक्शन 80 सी के तहत ईपीएफ और पीपीएफ, ईएलएसएस, जीवन बीमा प्रीमियम, होम लोन रीपेमेंट, एसएसवाई, एनएससी और एससीएसएस में निवेश पर डेढ़ लाख तक की छूट।
- सेक्शन 80टीटीए के तहत बैंक, सहकारी समिति या डाकघर के बचत खाते से ब्याज से होने वाली आमदनी पर अधिकतम 10,000 रुपये की छूट।
- सेक्शन 80 सीसीडी (1बी): एनपीएस में 50,000 रुपये तक की जमा पर आयकर से छूट।
- सेक्शन 80D के तहत हेल्थ इंश्यारेंस के प्रीमियम पर भी आयकर से छूट मिलती है।
- सेक्शन 80G के तहत ट्रस्टों और धर्मार्थ संस्थाओं को दिया गया दान कटौती के योग्य है।

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