निर्यात नवंबर में 19.37 प्रतिशत बढ़कर 38.13 अरब डॉलर, व्यापार घाटा पांच महीने के निचले स्तर पर

निर्यात नवंबर में 19.37 प्रतिशत बढ़कर 38.13 अरब डॉलर, व्यापार घाटा पांच महीने के निचले स्तर पर

निर्यात नवंबर में 19.37 प्रतिशत बढ़कर 38.13 अरब डॉलर, व्यापार घाटा पांच महीने के निचले स्तर पर
Modified Date: December 15, 2025 / 04:48 pm IST
Published Date: December 15, 2025 4:48 pm IST

नयी दिल्ली, 15 दिसंबर (भाषा) देश का निर्यात नवंबर में 19.37 प्रतिशत बढ़कर 38.13 अरब अमेरिकी डॉलर रहा। इंजीनियरिंग एवं इलेक्ट्रॉनिक सामानों के अधिक निर्यात से व्यापार घाटा घटकर पांच महीने के निचले स्तर 24.53 अरब अमेरिकी डॉलर पर आ गया। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी मिली।

इससे पहले, अक्टूबर में निर्यात 11.8 प्रतिशत घटकर 34.38 अरब डॉलर रहा था।

आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन माह में सोने, कच्चे तेल, कोयले और कोक की आवक में गिरावट के कारण देश का आयात 1.88 प्रतिशत घटकर 62.66 अरब अमेरिकी डॉलर रहा।

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आयात में गिरावट से नवंबर में देश के व्यापार घाटे (आयात एवं निर्यात के बीच का अंतर) को कम करने में भी मदद मिली।

इससे पहले जून में व्यापार घाटा 18.78 अरब अमेरिकी डॉलर के निचले स्तर पर था। अक्टूबर में व्यापार घाटा रिकॉर्ड 41.68 अरब अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया था।

अप्रैल से नवंबर के दौरान कुल निर्यात 2.62 प्रतिशत बढ़कर 292.07 अरब अमेरिकी डॉलर जबकि इन आठ महीनों में आयात 5.59 प्रतिशत बढ़कर 515.21 अरब अमेरिकी डॉलर रहा। इस दौरान व्यापार घाटा 223.14 अरब अमेरिकी डॉलर रहा।

वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने आंकड़ों पर संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कहा कि नवंबर में निर्यात से इस साल अक्टूबर में हुए नुकसान की भरपाई हो गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘ नवंबर, निर्यात के लिहाज से अच्छा महीना रहा है।’’

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन्स (फियो) के अध्यक्ष एस. सी. रल्हन ने कहा कि 50 प्रतिशत शुल्क लगाए जाने के बावजूद अप्रैल-नवंबर 2025 के दौरान अमेरिका, भारत का शीर्ष निर्यात गंतव्य बना रहा।

इस अवधि में अन्य प्रमुख निर्यात गंतव्य संयुक्त अरब अमीरात, नीदरलैंड, चीन, ब्रिटेन, जर्मनी, सिंगापुर, बांग्लादेश, सऊदी अरब और हांगकांग रहे।

रल्हन ने कहा, ‘‘ निर्यात बाजारों के विविधीकरण के साथ-साथ कई प्रमुख क्षेत्रों की निरंतर मजबूती ने निर्यात वृद्धि को समर्थन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। निरंतर नीतिगत समर्थन, बेहतर लॉजिस्टिक दक्षता और प्रतिस्पर्धी निर्यात वित्तपोषण तक पहुंच के साथ भारत का निर्यात आने वाले महीनों में इस सकारात्मक गति को बनाए रखने के लिए अच्छी स्थिति में है।’’

भाषा निहारिका रमण

रमण


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