Bilaspur Train Accident Latest Update: बिलासपुर ट्रेन हादसे की CRS रिपोर्ट में सनसनीखेज खुलासा, ऐसे टला जा सकता था हादसा, जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान
Bilaspur Train Accident Latest Update: बिलासपुर ट्रेन हादसे की CRS रिपोर्ट में सनसनीखेज खुलासा, ऐसे टला जा सकता था हादसा, जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान
Bilaspur Train Accident Latest Update/Image Source: IBC24
- बिलासपुर मेमू हादसा
- CRS रिपोर्ट में खुलासा
- रेलवे बोर्ड ने उठाए कड़े कदम
बिलासपुर: Bilaspur Train Accident Latest Update: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के लालखदान में हुए मेमू ट्रेन हादसे के बाद रेलवे का बैक-टू-बैक एक्शन जारी है। CRS की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट ने ट्रेन ऑपरेशन सिस्टम की कई कमियों को उजागर किया है। हादसे की जिम्मेदारी नीचे से ऊपर तक हर स्तर पर तय की जा रही है और सिस्टम सुधार की कवायद के साथ बड़े फेरबदल भी किए जा रहे हैं।
CRS रिपोर्ट ने हादसे की पोल खोली (Bilaspur MEMU train accident)
Bilaspur Train Accident Latest Update: दरअसल, 4 नवम्बर को हुए भीषण रेल हादसे के बाद रेलवे एक्शन में है। रेल सुरक्षा आयुक्त (CRS) की रिपोर्ट के आधार पर बिलासपुर के DRM और PCEE समेत कई अधिकारियों को हटाया गया। लोको पायलट का साइको टेस्ट में फेल होने के बावजूद ड्यूटी पर होना, सिग्नल ओवरशूट और सिस्टम की खामियों को हादसे का मुख्य कारण बताया गया। रिपोर्ट में यह भी उजागर हुआ कि लोको पायलट और असिस्टेंट लोको पायलट के साइको टेस्ट में फेल होने के बावजूद उन्हें मेमू के परिचालन का जिम्मा सौंपा गया। रेलवे बोर्ड ने DRM और PCEE का ट्रांसफर आदेश जारी किया। इससे पहले इस मामले में प्रिंसिपल चीफ सेफ्टी ऑफिसर सुबोध चौधरी और सीनियर डीओपी मसूद आलम को हटाया जा चुका है। कुल मिलाकर अब तक इस हादसे के सिलसिले में चार वरिष्ठ अधिकारियों का ट्रांसफर हो चुका है।
सस्पेंड और तबादलों का बैक-टू-बैक एक्शन (Bilaspur railway news)
Bilaspur Train Accident Latest Update: CRS की रिपोर्ट आने से पहले ही रेलवे प्रशासन ने दिखावे के तौर पर कुछ अधिकारियों के तबादले किए थे, जिसमें सीनियर डीओपी मसूद आलम को अवकाश पर भेजा गया और प्रिंसिपल चीफ सेफ्टी ऑफिसर सुबोध चौधरी का तबादला हुआ। रेलवे बोर्ड के आदेश के बाद असिस्टेंट लोको पायलट रश्मि राज को भी सस्पेंड कर दिया गया। हालांकि, साइको टेस्ट में फेल लोको पायलट को ट्रेन चलाने की अनुमति देने वाले अफसरों पर सख्त कार्रवाई अब भी बाकी है। CRS की रिपोर्ट प्रारंभिक है। 180 दिन में विस्तृत जांच के बाद अंतिम रिपोर्ट देने की डेडलाइन है। फिर भी हादसे के तुरंत बाद बैक-टू-बैक एक्शन को गंभीर संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। रेल अधिकारी CRS की रिपोर्ट के आधार पर भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने और सुरक्षा मानकों को मजबूत करने के लिए कड़े कदम उठाने की बात कह रहे हैं।

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