फेसबुक इंडिया के प्रमुख ने घृणा फैलाने वाले भाषणों से निपटने के तरीके का बचाव किया | Facebook India chief defends how to deal with hate speeches

फेसबुक इंडिया के प्रमुख ने घृणा फैलाने वाले भाषणों से निपटने के तरीके का बचाव किया

फेसबुक इंडिया के प्रमुख ने घृणा फैलाने वाले भाषणों से निपटने के तरीके का बचाव किया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:50 PM IST, Published Date : September 20, 2020/9:49 am IST

नयी दिल्ली, 20 सितंबर (भाषा) फेसबुक इंडिया के प्रमुख अजीत मोहन ने सत्तारूढ़ भाजपा के सदस्यों के कथित घृणा फैलाने वाले भाषणों से निपटने के तरीके का बचाव करते हुए कहा कि मंच (फेसबुक) तटस्थ और बिना किसी तरह के पक्षपात के काम करता है। उन्होंने कहा कि कंपनी ने विभिन्न टीमों से प्राप्त इनपुट के आधार पर कदम उठाये हैं।

मोहन ने पीटीआई-भाषा के साथ एक साक्षात्कार में फेसबुक इंडिया के फैसलों को व्यक्तियों के राजनीतिक झुकाव से प्रभावित होने के आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि मंच की प्रक्रिया को इस तरीके से तैयार किया गया है कि कोई भी व्यक्ति इसे प्रभावित नहीं कर सके या अकेले दम पर निर्णय नहीं ले सके।

उन्होंने कहा, ‘‘टीम की सामग्री नीति सभी प्रवर्तन निर्णयों (हेट स्पीच पर) के केंद्र में है और भारत में सार्वजनिक नीति टीम (जो सरकारी संबंधों को संभालती है) से अलग व स्वतंत्र है।’’

मोहन ने कहा, ‘‘यह स्वतंत्रता के लिये डिजाइन किया गया है। सामग्री प्रबंधन टीम केवल सामुदायिक मानकों से निर्देशित है। इसका उद्देश्य बिना किसी भेदभाव के तटस्थ तरीके से काम करना है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लोगों के दृष्टिकोण या झुकाव हो सकते हैं। हमारी प्रणाली यह सुनिश्चित करने के लिये तैयार की गयी है कि कोई भी व्यक्ति परिणामों को प्रभावित नहीं कर सकता है।’’

पिछले महीने वॉल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट पर मचे राजनीतिक तूफान के बीच फेसबुक इंडिया के प्रमुख की यह टिप्पणी आयी है। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि भारत में अपने व्यावसायिक हितों की रक्षा करने के लिये फेसबुक ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं के भड़काऊ भाषणों की अनदेखी की।

रिपोर्ट के अनुसार, फेसबुक ने भाजपा के तेलंगाना विधायक टी राजा सिंह और तीन अन्य हिंदू राष्ट्रवादियों के मुस्लिम विरोधी पोस्ट को तब जाकर हटाया, जब अखबारों में इन पोस्टों पर सवाल उठाये गये। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि फेसबुक की सार्वजनिक नीति की प्रमुख अंखी दास ने इन पोस्टों को आंतरिक मानकों को भंग करने वाले के रूप में चिह्नित किये जाने के बावजूद इन्हें हटाने का विरोध किया था।

भाषा सुमन अजय

अजय

 

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