चालू खरीफ बुवाई मौसम के दौरान उर्वरकों की आपूर्ति संतोषजनक: सरकार

चालू खरीफ बुवाई मौसम के दौरान उर्वरकों की आपूर्ति संतोषजनक: सरकार

चालू खरीफ बुवाई मौसम के दौरान उर्वरकों की आपूर्ति संतोषजनक: सरकार
Modified Date: August 22, 2025 / 08:10 pm IST
Published Date: August 22, 2025 8:10 pm IST

नयी दिल्ली, 22 अगस्त (भाषा) सरकार ने शुक्रवार को कहा कि चालू खरीफ (ग्रीष्मकालीन बुवाई) मौसम के दौरान उर्वरकों की उपलब्धता संतोषजनक है और वह किसानों को फसल पोषक तत्वों की समय पर और समान आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

एक सरकारी बयान में, उर्वरक विभाग ने बताया कि 143 लाख टन यूरिया की आनुपातिक आवश्यकता के मुकाबले कुल उपलब्धता 183 लाख टन यूरिया की है। अब तक यूरिया की बिक्री 155 लाख टन हो चुकी है, जो एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 13 लाख टन अधिक है।

इसी प्रकार, डीएपी में, 45 लाख टन की आनुपातिक आवश्यकता के मुकाबले उपलब्धता 49 लाख टन की है, और 33 लाख टन की बिक्री हुई है।

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एनपीके में, 58 लाख टन की आनुपातिक आवश्यकता के मुकाबले उपलब्धता 97 लाख टन की है। अब तक 64.5 लाख टन एनपीके की बिक्री हो चुकी है।

विभाग ने कहा कि सरकार ने वैश्विक संघर्षों के बावजूद आपूर्ति सुनिश्चित की है, जिससे अंतरराष्ट्रीय उपलब्धता और कीमतें दोनों प्रभावित हुई हैं।

विभाग ने आगे कहा, ‘‘समय पर राजनयिक संपर्क, लॉजिस्टिक्स हस्तक्षेप और दीर्घकालिक व्यवस्थाओं ने यह सुनिश्चित किया है कि हमारे किसानों को किसी भी कमी का सामना न करना पड़े।’’

भारतीय उर्वरक कंपनियों और मोरक्को के एक संघ के बीच 25 लाख टन डीएपी और टीएसपी की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।

इसके अलावा जुलाई, 2025 में, सऊदी अरब और भारतीय कंपनियों के बीच 2025-26 से शुरू होने वाले पांच वर्षों के लिए 31 लाख टन डीएपी की वार्षिक आपूर्ति के लिए एक दीर्घकालिक समझौते (एलटीए) पर हस्ताक्षर किए गए थे।

विभाग ने कहा कि इन प्रयासों के कारण, चालू खरीफ 2025 मौसम के दौरान राज्यों में उर्वरकों की उपलब्धता अब तक संतोषजनक बनी हुई है।

यूरिया 242 रुपये प्रति 45 किलोग्राम बैग (नीम कोटिंग और लागू करों को छोड़कर) के वैधानिक रूप से अधिसूचित अधिकतम खुदरा मूल्य पर बेचा जा रहा है।

किसानों को 1,350 रुपये प्रति बैग की दर से डीएपी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए, केंद्र ने डीएपी (आयातित और स्वदेशी) पर एक विशेष पैकेज दिया है।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय


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