उपग्रह संचार सेवाओं पर वार्षिक राजस्व का चार प्रतिशत स्पेक्ट्रम शुल्क लगाने की सिफारिश

उपग्रह संचार सेवाओं पर वार्षिक राजस्व का चार प्रतिशत स्पेक्ट्रम शुल्क लगाने की सिफारिश

उपग्रह संचार सेवाओं पर वार्षिक राजस्व का चार प्रतिशत स्पेक्ट्रम शुल्क लगाने की सिफारिश
Modified Date: May 9, 2025 / 03:28 pm IST
Published Date: May 9, 2025 3:28 pm IST

नयी दिल्ली, नौ मई (भाषा) दूरसंचार नियामक ट्राई ने एलन मस्क की स्टारलिंक जैसी उपग्रह संचार सेवा प्रदाता कंपनियों पर वार्षिक राजस्व का चार प्रतिशत स्पेक्ट्रम शुल्क लगाने की शुक्रवार को सिफारिश की।

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने दूरसंचार विभाग को अपनी अनुशंसा रिपोर्ट में कहा कि शहरी क्षेत्रों में सेवाएं देने वाले सेवा प्रदाताओं को प्रति ग्राहक 500 रुपये अतिरिक्त शुल्क देना होगा।

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ट्राई ने सिफारिश की है कि उपग्रह ब्रॉडबैंड स्पेक्ट्रम पांच साल के लिए आवंटित किया जाए, जिसे बाद में दो साल के लिए बढ़ाया जा सकता है।

समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) का चार प्रतिशत स्पेक्ट्रम शुल्क भू-स्थैतिक कक्षा (जीएसओ) और गैर-भूस्थैतिक कक्षा (एनजीएसओ) में स्थित उपग्रहों के जरिये सेवाएं देने वाली दोनों तरह की उपग्रह संचार कंपनियों को देना होगा।

भाषा पाण्डेय प्रेम

प्रेम


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