नयी दिल्ली, 17 मई (भाषा) सरकार इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति के तहत निवेश की संभावनाएं तलाश रही कंपनियों के लिए विस्तृत दिशानिर्देशों पर काम कर रही है।
एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि संबंधित पक्षों के साथ परामर्श का दूसरा दौर जल्द शुरू होने की उम्मीद है।
भारी उद्योग मंत्रालय पिछले महीने ही परामर्श का पहला दौर आयोजित कर चुका है।
अधिकारी ने बताया कि दिशानिर्देशों में आवेदन, पोर्टल लिंक और परियोजना निगरानी एजेंसी (पीएमए) के बारे में जानकारी शामिल होगी।
अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत में वाहन कंपनियां जरूरी निवेश के लिए प्रतिबद्ध होकर प्रोत्साहन हासिल करने के लिए ईवी नीति के तहत आवेदन कर सकती हैं।
उन्होंने कहा, ”वे नई नीति के तहत एक निश्चित संख्या में ईवी के लिए आयात लाइसेंस का आवेदन कर सकते हैं और इसके लिए उन्हें निवेश के लिए प्रतिबद्धता जतानी होगी।”
भारत में पहले से मौजूद कंपनियों को ईवी नीति के तहत आवेदन करने के लिए नई सहायक कंपनी को पंजीकृत करने की जरूरत नहीं है।
सरकार ने 15 मार्च को एक इलेक्ट्रिक वाहन नीति को मंजूरी दी थी, जिसके तहत देश में न्यूनतम 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर के निवेश के साथ विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने वाली कंपनियों को शुल्क रियायतें दी जाएंगी। इस कदम का मकसद अमेरिका स्थित टेस्ला जैसी प्रमुख वैश्विक कंपनियों को आकर्षित करना है।
भाषा पाण्डेय रमण
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