मुंबई, 17 जून (भाषा) मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने शुक्रवार को कहा कि सरकार कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर के बाद आर्थिक वृद्धि को मिली गति को पूंजीगत व्यय के जरिये निरंतर समर्थन देने को प्रतिबद्ध है।
सरकार ने अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं जिनमें करों में कटौती, निजीकरण की कवायद जारी रखना, फंसे कर्ज मामलों का निपटान और उनका प्रबंधन करने के लिए संस्थानों का गठन तथा संपत्ति को बाजार पर चढ़ाने का अभियान शुरू करना शामिल हैं।
अंग्रेजी अखबार फाइनेंशियल एक्सप्रेस के एक कार्यक्रम में नागेश्वरन ने कहा, ‘‘बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय इकाइयों में निजी क्षेत्र के भागीदारों में अनिश्चितता के भाव को देखते हुए सरकार ने यह तय किया है कि पूंजीगत व्यय कुछ इस तरह से जारी रहेगा जिससे कि महामारी की तीसरी लहर के बाद वृद्धि को जो गति मिली है वह प्रभावित नहीं हो।’’
बीते वित्त वर्ष में जब पूंजीगत व्यय का बजट अनुमान 6 लाख करोड़ रुपये था तब सरकार 5.92 लाख करोड़ रुपये खर्च कर पाई थी।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए चालू वित्त वर्ष में अगर सरकार 7.5 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय कर पाई तो यह सबसे बड़ा वास्तविक आर्थिक हस्तक्षेप होगा।’’
बैंकों के बारे में सीईए ने कहा कि मौजूदा वृद्धि परिदृश्य को बनाये रखने में क्षेत्र को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।
भाषा
मानसी रमण
रमण
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