मूंगफली तेल तिलहन और सीपीओ में सुधार, सरसों, सोयाबीन तेल तिलहन, बिनौला, पामोलीन तेल में गिरावट

मूंगफली तेल तिलहन और सीपीओ में सुधार, सरसों, सोयाबीन तेल तिलहन, बिनौला, पामोलीन तेल में गिरावट

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  • Publish Date - October 22, 2021 / 07:58 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:18 PM IST

नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर (भाषा) विदेशी बाजारों में मिले जुले रुख के बीच दिल्ली की मंडी में शुक्रवार को जहां मूंगफली तेल तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) के भाव में सुधार आया वहीं सरसों, सोयाबीन तेल तिलहन, बिनौला, पामोलीन कांडला के भाव नुकसान में रहें। अन्य खाद्य तेल-तिलहन के भाव पूर्ववत बने रहे।

बाजार सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में 0.9 प्रतिशत की गिरावट है जबकि शिकागो एक्सचेंज फिलहाल 0.4 प्रतिशत मजबूत है। इस वजह से तेल तिलहनों के भाव में मिला जुला रुख देखने को मिला।

बाजार सूत्रों ने कहा कि सोयाबीन के नये फसल की मंडियों में आवक बढ़ रही है और मांग कमजोर है जिसकी वजह से इसके तेल तिलहन के भाव टूटे हैं। उन्होंने कहा कि सोयाबीन के तेल रहित खल (डीओसी) की मांग तथा निर्यात कमजोर होने से भी सोयाबीन तेल तिलहन में गिरावट आई। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को मंडियों में नौ लाख 70 हजार बोरी सोयाबीन की आवक हुई।

उन्होंने कहा कि दूसरी ओर, वनस्पति निर्माताओं की मांग बढ़ने से कच्चा पामतेल के भाव मजबूत हो गये। वायदा कारोबार में भी भाव मजबूत होने से इसमें सुधार देखने को मिला। वहीं मांग कमजोर होने से पामोलीन के भाव में गिरावट आई जबकि पामोलीन दिल्ली के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे।

सूत्रों ने कहा कि बिनौला तेल से सस्ता होने के कारण मूंगफली की मांग है जिससे मूंगफली तेल तिलहन के भाव मजबूत बंद हुए जबकि बिनोला तेल के भाव गिरावट के साथ बंद हुआ जहां मांग कमजोर थी। उन्होंने कहा कि मूंगफली की पैदावार मौजूदा सत्र में 7-10 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि हाल की बारिश का मूंगफली पर कोई विशेष असर नहीं होना चाहिये।

सूत्रों ने कहा कि देश में सरसों का 10-12 लाख टन का स्टॉक रह गया है और वह भी केवल किसानों के पास ही है। हाल में बारिश से बोये गये सरसों का नुकसान हुआ है और कहीं कहीं इसकी दोबारा बुवाई करनी होगी। इसलिए इसकी अगली फसल आने में लगभग महीने भर की देर होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि इस बार सरसों की बिजाई पूरी नहीं हो पाई है जो पिछले वर्ष नवरात्र में पूरा हो गया था।

सूत्रों ने कहा कि मांग कमजोर होने से सरसों तेल तिलहन के भाव में गिरावट आई और गरीबों को अब यह तेल अगली फसल आने के बाद ही सुलभ होगा जो फिलहाल सरसों की जगह सोयाबीन खा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सारे पहलुओें को ध्यान में रखते हुए बाजार में रिफाइंड सोयाबीन तेल का भाव 135-140 रुपये लीटर से अधिक नहीं होना चाहिये। इसी तरह पाम तेल की कीमत 130-135 रुपये लीटर से अधिक नहीं होनी चाहिये। इससे अधिक भाव पर बिक्री कर अनुचित लाभ कमाने वालों पर सरकार को निगरानी रखनी होगी।

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन – 8,845 – 8,875 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली – 6,295 – 6,380 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 14,310 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,085 – 2,215 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 17,250 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,700 -2,740 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,775 – 2,885 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 15,500 – 18,000 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,950 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,650 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 12,520

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,350 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,800 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,050 रुपये।

पामोलिन एक्स- कांडला- 11,850 (बिना जीएसटी के)।

सोयाबीन दाना 5,275 – 5,475, सोयाबीन लूज 5,025 – 5,125 रुपये।

मक्का खल (सरिस्का) 3,825 रुपये।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण