ओलावृष्टि से बासमती उत्पादकों को फसल का नुकसान, पर्याप्त मुआवजे की मांग की

ओलावृष्टि से बासमती उत्पादकों को फसल का नुकसान, पर्याप्त मुआवजे की मांग की

  •  
  • Publish Date - October 27, 2021 / 09:27 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:52 PM IST

जम्मू, 27 अक्टूबर (भाषा) जम्मू के धान का ‘कटोरा’ कहे जाने वाले क्षेत्र आरएस पुरा के किसान पिछले सप्ताह हुई भारी ओलावृष्टि की वजह से खड़ी फसल का नुकसान होने के बाद संकट में हैं। बासमती चावल उत्पादन के लिए लिए यह क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाना जाता है।

इस प्राकृतिक आपदा के तीन दिन बाद भी जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अभी तक नुकसान के मुआवजे की घोषणा नहीं की है। राजस्व अधिकारी अभी भी धान को हुए नुकसान का आकलन कर रहे हैं।

जम्मू के बाहरी इलाके में बुधवार को अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास सुचेतगढ़ में क्षतिग्रस्त बासमती फसल के अपने खेत को साफ करते हुए मजदूरों के एक समूह के साथ खड़े 24 वर्षीय घरा सिंह ने कहा, ‘‘नुकसान 100 प्रतिशत है और किसान व्यथित हैं।’’

बासमती लंबे, पतले दाने वाले सुगंधित चावल की एक किस्म है, जिसने अंतरराष्ट्रीय बाजारों में आरएस पुरा को प्रसिद्ध किया है।

सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में इतनी विनाशकारी ओलावृष्टि नहीं देखी है।

उन्होंने प्रशासन से फसल क्षति सर्वेक्षण की प्रक्रिया में तेजी लाने और न्यूनतम मुआवजे की घोषणा करने का अनुरोध करते हुए कहा, ‘‘हम चिंतित हैं क्योंकि सरकार ने अभी तक उन किसानों को मुआवजे के मुद्दे पर कोई फैसला नहीं किया है।’’ उन्होंने प्रत्येक परिवार को 15,000 प्रति कनाल का मुआवजा देने की घोषणा करने की मांग की।

एक अन्य किसान शेर सिंह ने कहा कि उन्हें इस बार बेहतर उपज की उम्मीद थी लेकिन अचानक हुई ओलावृष्टि ने उनके सपने धो दिए।

जिला विकास परिषद (डीडीसी) के सुकेतगढ़ के सदस्य तरनजीत सिंह टोनी ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नेतृत्व वाले प्रशासन से इस साल फसल का नुकसान झेलने वाले किसानों को मुआवजा देने के लिए दिल्ली सरकार के मॉडल का पालन करने का आग्रह किया। दिल्ली सरकार ने हाल ही में इस साल अपनी फसल गंवाने वाले किसानों को 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर देने की घोषणा की थी।

टोनी ने प्रशासन से किसान क्रेडिट कार्ड ऋण और पानी के पंपों पर लगने वाले किराये को माफ करने का आग्रह किया। ।

जम्मू के अलावा, ओलावृष्टि ने सांबा और कठुआ जिलों में खड़ी फसलों को भी नुकसान पहुंचाया है।

इस बीच, पूर्व मंत्री मनोहर लाल शर्मा के नेतृत्व में कांग्रेस के दर्जनों कार्यकर्ताओं ने बुधवार को कठुआ के उपायुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और प्रभावित किसानों को तत्काल मुआवजा देने की मांग की।

कांग्रेस प्रवक्ता के अनुसार, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार उन किसानों की समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दे रही है, जिनकी खड़ी फसल जम्मू क्षेत्र में भारी बारिश और ओलावृष्टि से नष्ट हो गई।’’

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय