अप्रैल में भर्ती गतिविधियां नौ प्रतिशत बढ़ीं, उत्पादन, विनिर्माण का दबदबाः रिपोर्ट

अप्रैल में भर्ती गतिविधियां नौ प्रतिशत बढ़ीं, उत्पादन, विनिर्माण का दबदबाः रिपोर्ट

  •  
  • Publish Date - May 9, 2024 / 07:34 PM IST,
    Updated On - May 9, 2024 / 07:34 PM IST

मुंबई, नौ मई (भाषा) देश के भीतर अप्रैल में सालाना आधार पर भर्तियों में नौ प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है जो रोजगार अवसरों में सुधार की तरफ इशारा करता है। बृहस्पतिवार को जारी एक रिपोर्ट में यह आकलन पेश किया गया।

फाउंडइट (पूर्व में मॉन्स्टर) के ऑनलाइन भर्ती सूचकांक से पता चलता है कि अप्रैल महीने में मुख्य रूप से उत्पादन एवं विनिर्माण, स्वास्थ्य सेवा, रसायन एवं उर्वरक, इंजीनियरिंग, सीमेंट, निर्माण और खुदरा क्षेत्रों में नियुक्तियों में सुधार आया है।

फाउंडइट इनसाइट्स ट्रैकर (फिट) के मुताबिक, खुदरा, वाहन, रियल एस्टेट, सूचना प्रौद्योगिकी और तेल/ गैस/ बिजली उद्योगों में इस महीने नियुक्तियों में मध्यम वृद्धि देखी गई।

इसके उलट कृषि-आधारित उद्योगों, पोत परिवहन, दैनिक उपभोग के उत्पाद (एफएमसीजी) और प्रिंटिंग/ पैकेजिंग जैसे क्षेत्रों में भर्तियां सालाना आधार पर घटी हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल की तुलना में इस साल अप्रैल में स्टार्टअप कंपनियों की संख्या में 37 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इन नई कंपनियों की नौकरियों की कुल संख्या में 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

फाउंडइट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी शेखर गरीसा ने कहा, ‘‘स्टार्टअप में आधी से अधिक नौकरियों के विज्ञापन नए लोगों के लिए हैं। उत्पादन और विनिर्माण क्षेत्र में नियुक्तियों में 31 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। इससे वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में उभरने के भारत के दृष्टिकोण को मजबूती मिलेगी।’’

फाउंडइट इनसाइट्स ट्रैकर (फिट) फाउंडइट द्वारा संचालित ऑनलाइन जॉब पोस्टिंग गतिविधि का एक व्यापक मासिक विश्लेषण है।

इससे पता चलता है कि भारत की स्टार्टअप पारिस्थितिकी तेजी से महानगर शहरों से आगे भी बढ़ रही है। हालांकि बेंगलुरु, दिल्ली-एनसीआर और मुंबई अब भी स्टार्टअप गतिविधियों के गढ़ बने हुए हैं।

अब अधिकांश स्टार्टअप कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा बंद कर चुके हैं। अप्रैल, 2023 में जहां आठ प्रतिशत रोजगार अवसरों में घर से काम करने का विकल्प दिया गया था वहीं पिछले महीने यह संख्या घटकर तीन प्रतिशत रह गई।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय