नयी दिल्ली, 10 दिसंबर (भाषा) नेशनल फाइनेंसियल रिपोर्टिंग अथारिटी (एनएफआरए) ने कहा है कि आईएल एण्ड एफएस फाइनेंसियल सविर्सिज लिमिटेड (आईएफआईएन) के सांविधिक आडीटर के तौर पर वर्ष 2017- 18 में डेलॉयट हस्किंस एण्ड सेल्स एलएलपी (डीएचएस) की नियुक्ति ‘‘अवैध’’ थी।
एनएफआरए ने कहा कि आडीटर ने डेरिवेटिव संपत्ति का अनुचित मूल्यांकन करने सहित कुछ मदों पर विचार नहीं किया, वहीं 2017- 18 में आईएफआईएन के मुनाफे को 609 करोड़ रुपये बढ़ाकर दिखाया गया।
एनएफआरए का यह ताजा निष्कर्ष सात दिसंबर 2020 की अनुपूरक आडिट गुणवत्ता समीक्षा रिपोर्ट का हिस्सास है।
डेलॉयट इंडिया के प्रवक्ता ने इस संबंध में पूछे जाने पर कहा कि डीएचएस एलएलप इस रिपोर्ट की समीक्षा करेगी।
आडिट क्षेत्र पर नजर रखने वाली संस्था एनएफआरए ने आईएफआईएन के 2017- 18 के वैधानिक आडिट रिपोर्ट की आडिट गुणवत्ता समीक्षा (एक्यूआर) की थी। यह रिपोर्ट 12 दिसंबर 2019 को जारी की गई।
वहीं अनूपुरक आडिट गुणवत्ता समीक्षा रिपोर्ट में उन मुद्दों को शामिल किया गया जो कि एक्यूआर रिपोर्ट में कवर नहीं किये गये थे।
एनएफआरए ने कहा कि डीएचएस आडिट मानकों की जरूरतों को पूरा करने में असफल रही है।
वहीं डेलायट इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि डीएचएस एलएलपी अनूपूरक रिपोर्ट की समीक्षा करेगी। यह 2017- 18 की संयुक्त आडिट रिपोर्ट है।
भाषा
महाबीर मनोहर
मनोहर
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