पेटीम छोटे शहरों से नियुक्तियां बढ़ा के प्रयास में, वहां घर से काम करने की होगी अनुमति: शर्मा

पेटीम छोटे शहरों से नियुक्तियां बढ़ा के प्रयास में, वहां घर से काम करने की होगी अनुमति: शर्मा

पेटीम छोटे शहरों से नियुक्तियां बढ़ा के प्रयास में, वहां घर से काम करने की होगी अनुमति: शर्मा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:21 pm IST
Published Date: December 23, 2020 11:48 am IST

नयी दिल्ली, 23 दिसंबर (भाषा) पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के बीच कंपनी ने छोटे शहरों से कर्मचारियों को नियुक्त करने के प्रयास को तेज कर दिया और उन्हें बड़े शहरों में स्थित उसके दफ्तरों में आने के बजाए, घर से ही काम करने की अनुमति दे रही है।

‘क्लीयर टैक्स ई-इनवॉयसिंग लीडरशिप कॉनक्लेव’ में शर्मा ने कहा कि शुरू में जिन लोगों को नियुक्त किया गया उन्हें, स्थिति सामान्य होने पर दफ्तरों में तैनात किये जाने की योजना थी।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने इस बात पर गौर किया कि हम उन शहरों से भी लोगों को नियुक्त कर सकते हैं, जहां पहले हम जाते नहीं थे। और लोग भी वहां से बड़े शहरों में नहीं जाते।’’

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शर्मा के अनुसार, ‘‘हम छोटे शहरों से लोगों की नियुक्ति बढ़ा रहे हैं। लोग चंडीगढ़, जालंधर, ओड़िशा समेत जहां भी हैं, वे वहां से काम कर सकते हैं। हमारी योजना यह है कि हम छोटे शहरों में नियुक्ति करेंगे और उनसे बड़े शहरों में स्थिर दफ्तर आने को नहीं कहेंगे।’’

उन्होंने कहा कि कंपनी ने इस संदर्भ में कोई विशिष्ट मॉडल नहीं अपनाया है लेकिन उसके करीब 20 से 25 प्रतिशत कर्मचारी भविष्य में अपने हिसाब से घर बैठे काम कर सकते हैं।

महामारी और उसकी रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन’ ने विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत कंपनियों को कर्मचारियों को घर से ही काम करने की अनुमति देने को मजबूर किया है। आईटी और आईटी संबद्ध सेवा से जुड़ी कंपनियां अब कुछ कर्मचारियों को अपनी सुविधानुसार घर से ही काम करने की अनुमति दे रही हैं। इस मामले में वे ‘हाइब्रिड मॉडल’ अपना रही हैं। यानी कुछ कर्मचारियों को घर से जबकि कुछ को दफ्तर में आकर काम करने की अनुमति दी गयी है।

पिछले महीने, सरकार ने भी बीपीओ (बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग) और आईटी संबद्ध कंपनियों के लिये सरलीकृत दिशानिर्देश जारी किया ताकि उनका अनुपालन बोझ कम हो और वे कर्मचारियों के लिये घर से काम या कहीं से भी काम करने की रूपरेखा को अपना सके।

भाषा

रमण मनोहर

मनोहर


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