दुनिया के लिए भरोसेमंद 5जी प्रौद्योगिकी समाधान ला सकता है भारतः वैष्णव

दुनिया के लिए भरोसेमंद 5जी प्रौद्योगिकी समाधान ला सकता है भारतः वैष्णव

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  • Publish Date - June 26, 2022 / 05:37 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:48 PM IST

(प्रसून श्रीवास्तव)

नयी दिल्ली, 26 जून (भाषा) दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि दुनिया भर के लोग विश्वसनीय दूरसंचार समाधानों की तलाश में हैं और कोई भी देश भरोसे के लिहाज से भारत की बराबरी नहीं कर सकता।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि टीसीएस-सीडॉट के नेतृत्व वाले गठजोड़ द्वारा विकसित स्वदेशी 5जी तकनीक में वैश्विक सौदे हासिल करने की क्षमता है।

वैष्णव ने पीटीआई-भाषा को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि सरकार स्वदेशी रूप से विकसित प्रौद्योगिकी उपकरणों पर आधारित बीएसएनएल नेटवर्क में 1.25 लाख मोबाइल साइटों को तैनात करने की योजना बना रही है।

उन्होंने सेमीकंडक्टर चिप की कमी पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उच्च प्रौद्योगिकी वाली इलेक्ट्रॉनिक चिप के लिए पहला परियोजना प्रस्ताव अगले कुछ महीनों में स्वीकृत हो जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने खुद के 5जी प्रौद्योगिकी ढांचे को विकसित करने पर बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। दूरसंचार के लिए एक अच्छे विश्वसनीय और किफायती प्रौद्योगिकी स्रोत में पूरे विश्व समुदाय की बड़ी रुचि है, क्योंकि दूरसंचार आज सभी डिजिटल सेवाओं की बुनियाद है। लोग एक विश्वसनीय दूरसंचार समाधान चाहते हैं। आप जानते हैं कि कोई भी देश भरोसे के लिहाज से भारत की बराबरी नहीं कर सकता।’’

अमेरिका और यूरोपीय देशों की अगुवाई में कई देशों ने चीनी कंपनियों के 5जी टेलीकॉम गियर को प्रतिबंधित कर दिया है। भारत ने भी स्थानीय नेटवर्क में विश्वसनीय दूरसंचार उपकरणों को मंजूरी देने के लिए एक व्यवस्था बनाई है।

मंत्री ने कहा कि हाल ही में विकसित स्वदेशी 4जी प्रौद्योगिकी ढांचा अब तैयार है और इसे एक लाख से अधिक टावरों में तैनात किया जा सकता है।

वैष्णव ने कहा, ‘‘इसकी सटीकता का परीक्षण करने के लिए इस पर अरबों कॉल किए गए हैं। हमारा लक्ष्य आने वाले कुछ महीनों में लगभग 1.25 लाख टावरों को तैनात करना है। 2जी और 3जी उपकरणों को 4जी से बदला जाएगा। इसके लिए एकमात्र चुनौती सेमीकंडक्टर चिप हैं।’’

उन्होंने कहा कि सरकार को 76,000 करोड़ रुपये के सेमीकॉन मिशन के तहत मिले सेमीकंडक्टर संयंत्र के प्रस्तावों का मूल्यांकन किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘फरवरी में मिले आवेदनों के मूल्यांकन का काम बेहद उन्नत चरण में है। मैं इस समय उनकी स्थिति पर टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा। लेकिन, हम मानते हैं कि आने वाले कुछ महीनों में हम इस साल पहले समझौते पर हस्ताक्षर कर लेंगे।’’

भाषा पाण्डेय प्रेम

प्रेम