नयी दिल्ली, एक नवंबर (भाषा) पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को कहा कि भारत भू-राजनीतिक संकट से पैदा हो रहे ऊर्जा परिदृश्य पर करीबी निगाह रखे हुए है और इस स्थिति से अच्छी तरह निपटने की उम्मीद है।
दुनिया का तीसरा बड़ा तेल उपभोक्ता देश अपनी 85 प्रतिशत कच्चे तेल की जरूरते आयात से पूरी करता है। आयातित तेल पर निर्भरता कम करने के लिए भारत आपूर्ति के नए स्रोत तलाशने के अलावा बायोगैस एवं जैव-ईंधन में भी निवेश कर रहा है।
हालांकि, पिछले साल रूस-यूक्रेन युद्ध छिड़ने और पिछले महीने इजराइल-हमास संघर्ष गहराने के बाद कच्चे तेल की आपूर्ति को लेकर कुछ अनिश्चितता पैदा हुई है।
इस संदर्भ में पुरी ने कहा, ‘‘भू-राजनीतिक अनिश्चितता की वजह से कुछ चिंताएं हैं। आपको मालूम है कि आपूर्ति शृंखला प्रभावित हो सकती है। इस स्थिति में शामिल सभी पक्षों को अहसास होगा कि दांव पर क्या लगा है। उम्मीद करते हैं कि हालात नहीं बिगड़ेंगे।’’
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा, ‘‘हम उपलब्धता पर बहुत सावधानी से नजर बनाए हुए हैं। हम अपने ऊर्जा स्रोतों में विविधता ला रहे हैं। हालांकि, मैं इंतजार कर रहा हूं लेकिन मुझे लगता है कि हम इस सफर में आगे बढ़ पाने में सफल होंगे। अतीत में भी हम ऐसा कर चुके हैं।’’
पुरी ने यहां ऊर्जा बदलाव संवाद सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत मुश्किल हालात से बाहर निकलता रहा है और इस दौरान उसने अपने नागरिकों के लिए ऊर्जा को किफायती दरों पर मुहैया भी कराया है।
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