भारत अगले दशक की तेल मांग में चीन को पीछे छोड़ देगाः मूडीज

भारत अगले दशक की तेल मांग में चीन को पीछे छोड़ देगाः मूडीज

भारत अगले दशक की तेल मांग में चीन को पीछे छोड़ देगाः मूडीज
Modified Date: May 22, 2025 / 04:16 pm IST
Published Date: May 22, 2025 4:16 pm IST

नयी दिल्ली, 22 मई (भाषा) पिछले दशक में वैश्विक तेल मांग में वृद्धि को गति देने का काम भले ही चीन ने किया था लेकिन अगले दशक में भारत यह भूमिका निभाएगा। रेटिंग एजेंसी मूडीज ने एक रिपोर्ट में यह आकलन पेश किया है।

चीन दुनिया में दूसरे नंबर का तेल उपभोक्ता है जबकि भारत तीसरे स्थान पर है। लेकिन दोनों देशों की मांग वृद्धि में उल्लेखनीय अंतर है।

मूडीज रेटिंग्स ने कहा, ‘भारत में मांग की वृद्धि और आयात पर निर्भरता अधिक होगी। अगले दशक में भारत में मांग चीन की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ेगी, क्योंकि चीन की आर्थिक वृद्धि सुस्त हो रही है और नए ऊर्जा वाहनों का प्रवेश तेज हो रहा है।’

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चीन में कच्चे तेल की खपत अगले तीन से पांच वर्षों में चरम पर होगी, जबकि भारत में मूडीज को इसी अवधि में तीन-पांच प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि की उम्मीद है।

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि दोनों देश तेल और गैस आयात पर बहुत अधिक निर्भर हैं लेकिन मांग में सुस्त वृद्धि और घरेलू उत्पादन बढ़ने से चीन की तेल आयात पर निर्भरता कम होने का अनुमान है।

मूडीज ने कहा, ‘यदि भारत कच्चे तेल के घरेलू उत्पादन में गिरावट को नहीं रोक पाता है तो आयात पर उसकी निर्भरता बढ़ जाएगी।’

इसके मुताबिक, चीन की व्यापक तेल एवं गैस खपत इसकी राष्ट्रीय तेल कंपनियों (एनओसी) के पैमाने को रेखांकित करती है, जो संभवतः अगले तीन-पांच वर्षों में उत्पादन वृद्धि में अपने भारतीय समकक्षों से आगे निकल जाएंगी।

भारतीय तेल कंपनियों को पुराने तेल कुओं और धीमे निवेश से चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसके अतिरिक्त मूडीज ने दोनों देशों की तेल कंपनियों के निवेश उद्देश्यों में अंतर का भी उल्लेख किया है।

इसने कहा कि भारतीय एनओसी घरेलू तेल और गैस उत्पादन को बढ़ावा देने की योजना बना रही हैं, लेकिन इस पर अमल होना अभी बाकी है। इसके अलावा हरित प्रौद्योगिकियों में निवेश का दबाव भी भारतीय कंपनियों पर अधिक होता है।

भाषा प्रेम

प्रेम रमण

रमण


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