Madhya Pradesh Dairy Development: अब दूध बनेगा रोजगार और समृद्धि की ताकत, CM मोहन यादव की अध्यक्षता में बैठक में लिए गए अहम फैसले, युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश के दुग्ध उत्पादन को औद्योगिक गतिविधियों के विस्तार का भी आधार बनाया जाए।
Madhya Pradesh Dairy Development/ image source: IBC24
- दुग्ध उत्पादन को उद्योग से जोड़ा
- सांची ब्राण्ड विस्तार पर जोर
- किसानों की आय बढ़ाने की योजना
Madhya Pradesh Dairy Development: भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश के दुग्ध उत्पादन को औद्योगिक गतिविधियों के विस्तार का भी आधार बनाया जाए। दुग्ध उत्पादन तथा उसकी प्रोसेसिंग व मार्केटिंग में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। इसके साथ ही दुग्ध उत्पादन कृषकों की आय बढ़ाने में भी प्रभावी रूप से सहायक है।

दुग्ध उत्पादन को औद्योगिक विकास से जोड़ने पर जोर
सभी जिलों में समन्वित रूप से गतिविधियों संचालित करते हुए सांची ब्राण्ड का अधिक से अधिक विस्तार किया जाए। सांची प्रोडेक्ट्स की ब्राण्डिंग में गोवंश और गोपाल को शामिल किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह निर्देश मध्यप्रदेश स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन तथा राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के मध्य हुए एग्रीमेंट के अंतर्गत गठित राज्य स्तरीय संचालन समिति की बैठक में दिए। मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में हुई बैठक में वरिष्ठ विधायक श्री हेमंत खण्डेलवाल, अपर मुख्य सचिव श्री नीरज मंडलोई, अपर मुख्य सचिव श्री मनीष रस्तोगी, प्रमुख सचिव पशुपालन एवं डेयरी विकास श्री उमाकांत उमराव तथा राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के पदाधिकारी उपस्थित थे।
सांची ब्राण्ड विस्तार और ब्राण्डिंग को बढ़ावा
Madhya Pradesh Dairy Development: मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने में दुग्ध उत्पादन की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों की दक्षता और क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से ग्राम स्तर तक गतिविधियां संचालित की जाएं। यह सुनिश्चित करना भी आवश्यक है कि दुग्ध संकलन व्यवस्था की मजबूत निगरानी हो। दूध खरीदी की कीमतें उत्पादकों के लिए लाभप्रद हों और खरीदी व्यवस्था में पारदर्शिता सुनिश्चित हो तथा दुग्ध उत्पादकों को उनका भुगतान नियमित रूप से समय-सीमा में प्राप्त हो।

डेयरी सेक्टर में PPP और रोजगार
Madhya Pradesh Dairy Development: मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में पीपीपी मोड पर निजी भागीदारी और डेयरी सहकारी समितियों के समन्वय से दुग्ध उत्पादन गतिविधियों का विस्तार किया जाए। इससे सम्पूर्ण प्रदेश में उद्यमशीलता को प्रोत्साहन प्रदान करने, किसानों की आय बढ़ाने और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति देने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश की औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में डेयरी टेक्नोलॉजी पर केन्द्रित प्रशिक्षण और पाठ्यक्रम आरंभ किए जाएं। इससे डेयरी प्लांट संचालन में मदद मिलेगी और युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार भी उपलब्ध होगा।
डेयरी इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रोसेसिंग क्षमता विस्तार
Madhya Pradesh Dairy Development: मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक में बताया गया कि राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड द्वारा कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात सांची ब्राण्ड के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है तथा सांची डेयरी शुरू करने की मांग कई स्थानों से आ रही है। दुग्ध उत्पादकों को दूध मूल्य के नियमित एवं समय पर भुगतान के लिए 10 दिन का रोस्टर तय किया गया है। दुग्ध संघों द्वारा दूध खरीदी मूल्यों में 2 रूपए 50 पैसे से 8 रूपए 50 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गई है। अब तक 1241 नई दुग्ध सहकारी समितियों का गठन किया गया है तथा 635 निष्क्रिय दुग्ध समितियों को क्रियाशील बनाया गया है। सम्पूर्ण डेयरी वेल्यू चैन का डिजीटाईजेशन करने के लिए भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन, बुंदेलखंड तथा जबलपुर दुग्ध संघों में सॉफ्टवेयर क्रियान्वित किया गया है। दुग्ध संकलन के लिए इंदौर दुग्ध संघ से मोबाइल ऐप की व्यवस्था लागू की गई है। जिससे दूध की मात्रा, गुणवत्ता और मूल्य की जानकारी तत्काल प्राप्त होती है।
बैठक में बताया गया कि वर्ष 2029-30 तक 26 हजार गांवों तक डेयरी सहकारी कवरेज का विस्तार करने प्रतिदिन 52 लाख कि.ग्रा. दुग्ध संकलन करने, प्रतिदिन 35 लाख लीटर दुग्ध विक्रय और 63.3 लाख लीटर प्रतिदिन प्रसंस्करण क्षमता का लक्ष्य लेकर गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। पिछले 2 वर्ष से बंद शिवपुरी डेयरी संयंत्र को प्रारंभ करने के लिए प्रक्रिया आरंभ की गई है। जबलपुर में स्थापित 10 मेट्रिक टन क्षमता के पनीर प्लांट को पुन: आरंभ करने के लिए 5 करोड़ रूपए का निवेश किया जाएगा। इंदौर में स्थापित 30 मेट्रिक टन क्षमता का दूध पाउडर संयंत्र प्रारंभ किया गया है। इसके माध्यम से 3 लाख लीटर दूध का प्रतिदिन प्रसंस्करण किया जा रहा है। ग्वालियर डेयरी संयंत्र के सुदृढ़ीकरण की प्रक्रिया भी आरंभ की गई है।
बैठक में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के चेयरमेन मीनेश शाह, कार्यकारी निर्देशक, एस. रघुपति, महाप्रबंधक जिगनेश शाह, एमपी स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन के प्रबंध संचालक डॉ. संजय गोस्वामी, ग्रुप हेड असीम निगम, ग्रुप हेड, डॉ. शुभंकर नंदा, पशुपालन एवं डेयरी विभाग के संचालक डॉ. पी.एस. पटेल, तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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