भारतीय अर्थव्यवस्था महामारी के व्यवधानों से ‘काफी हद तक’ उबर गई है: पनगढ़िया

भारतीय अर्थव्यवस्था महामारी के व्यवधानों से ‘काफी हद तक’ उबर गई है: पनगढ़िया

भारतीय अर्थव्यवस्था महामारी के व्यवधानों से ‘काफी हद तक’ उबर गई है: पनगढ़िया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:41 pm IST
Published Date: January 25, 2022 12:17 pm IST

(विजय कुमार सिंह)

नयी दिल्ली, 25 जनवरी (भाषा) नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने मंगलवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था महामारी के चलते पैदा हुए व्यवधानों से ‘काफी हद तक’ उबर गई है और उम्मीद जताई कि यह सुधार जारी रहेगा तथा 7-8 प्रतिशत की वृद्धि दर फिर बहाल हो जाएगी।

पनगढ़िया ने सुझाव दिया कि सरकार को अब वित्त वर्ष 2022-23 में राजकोषीय घाटे को आधा से एक प्रतिशत तक कम करने का संकेत देना चाहिए।

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जानेमाने अर्थशास्त्री ने पीटीआई-भाषा को एक साक्षात्कार में बताया, ‘‘भारतीय अर्थव्यवस्था ने कोविड से पहले के जीडीपी के स्तर पर लौटने के लिए काफी हद तक सुधार किया है… सिर्फ निजी खपत अभी भी अपने कोविड-19 से पहले के स्तर से नीचे है।’’

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक भारती की जीडीपी वृद्धि दर 2021-22 में 9.2 प्रतिशत रहेगी। पनगढ़िया ने कहा कि यह आंकड़ा किस भी अन्य देश की तुलना में अधिक है और पुनरुद्धार पूरे देश में हुआ है।

भारतीय अर्थव्यवस्था में पिछले वित्त वर्ष के दौरान 7.3 प्रतिशत की गिरावट हुई थी।

पनगढ़िया ने कहा कि टीकाकरण के चलते महामारी काबू में आने से पुनरुद्धार जारी रहेगा और 7-8 प्रतिशत वृद्धि का दौर वापस आ जाएगा।

पनगढ़िया, जो इस समय कोलंबिया विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं, ने कहा कि सरकार को अब राजकोषीय घाटे को कम करने पर जोर देना चाहिए, क्योंकि ऐसा नहीं करने पर अगली पीढ़ी के लिए एक बड़ा कर्ज का बोझ तैयार हो जाएगा।

भाषा पाण्डेय

पाण्डेय


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