अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद भारत का रूसी तेल आयात एक तिहाई घटा, दिसंबर में और कमी का अनुमान

अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद भारत का रूसी तेल आयात एक तिहाई घटा, दिसंबर में और कमी का अनुमान

अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद भारत का रूसी तेल आयात एक तिहाई घटा, दिसंबर में और कमी का अनुमान
Modified Date: December 2, 2025 / 04:37 pm IST
Published Date: December 2, 2025 4:37 pm IST

नयी दिल्ली, 2 दिसंबर (भाषा) अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद भारत का रूसी तेल आयात लगभग एक तिहाई घट गया है। विश्लेषकों का अनुमान है कि दिसंबर में यह और कम होगा, क्योंकि रिफाइनरी कंपनियां प्रतिबंधों से बचने के लिए वैकल्पिक स्रोतों का रुख कर रही हैं।

डेटा विश्लेषण कंपनी केप्लर के अनुसार नवंबर में रूस से भारत का कच्चा तेल आयात औसतन 18 लाख बैरल प्रतिदिन रहा और कुल कच्चे तेल आयात में इसकी हिस्सेदारी 35 प्रतिशत से अधिक थी।

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इससे पहले अक्टूबर में यह आंकड़ा 15-16 लाख बैरल प्रतिदिन था। माना जा रहा है कि नवंबर का आयात पांच महीनों में सबसे अधिक था, क्योंकि प्रतिबंध लागू होने की समयसीमा 21 नवंबर से पहले आयात बढ़ाया गया।

केप्लर के प्रमुख शोध विश्लेषक सुमित रितोलिया ने कहा, ”21 नवंबर से पहले आयात 19-20 लाख बैरल प्रतिदिन के करीब था, क्योंकि खरीदार समयसीमा से पहले माल ला रहे थे। इसके बाद मात्रा कम हो गई। ऐसा लगता है कि रिफाइनरियों ने प्रतिबंध लागू होने से पहले कच्चे तेल का स्टॉक कर लिया।”

उन्होंने बताया कि इसके बाद आयात घटकर लगभग 12.7 लाख बैरल प्रतिदिन रह गया, जो मासिक आधार पर 5.7 लाख बैरल प्रतिदिन की कमी दर्शाता है।

रितोलिया ने अनुमान जताया कि मौजूदा लदान और जहाज गतिविधियों के आधार पर दिसंबर में भारत आने वाला रूसी तेल लगभग 10 लाख बैरल प्रतिदिन रहेगा।

केप्लर ने इससे पहले अनुमान जताया था कि रूसी तेल का आयात आठ लाख बैरल प्रतिदिन तक कम हो सकता है और फिर स्थिर हो जाएगा।

भाषा पाण्डेय रमण

रमण


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