इंडिगो के बेवजह पायलट भर्ती पर रोक लगाने से हुई है समस्या: पायलट संगठन एफआईपी
इंडिगो के बेवजह पायलट भर्ती पर रोक लगाने से हुई है समस्या: पायलट संगठन एफआईपी
मुंबई, चार दिसंबर (भाषा) पायलटों के संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (एफआईपी) ने विमान कंपनी इंडिगो पर एफडीटीएल के पूर्ण कार्यान्वयन से पहले दो वर्ष की तैयारी अवधि मिलने के बावजूद बेवजह पायलट की भर्ती पर रोक लगाने जैसी अदूरदर्शी नियोजन गतिविधियां अपनाने का आरोप लगाया है।
एफआईपी ने कहा कि उसने सुरक्षा नियामक डीजीसीए से आग्रह किया है कि वह विमान कंपनियों के मौसमी उड़ान कार्यक्रमों को मंजूरी न दे, जब तक कि उनके पास ‘नई उड़ान ड्यूटी समय सीमा’ (एफडीटीएल) मानदंडों के तहत अपनी सेवाओं को ‘‘ सुरक्षित एवं विश्वसनीय ’’ रूप से संचालित करने के लिए पर्याप्त कर्मचारी न हों।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को बुधवार देर रात लिखे पत्र में एफआईपी ने डीजीसीए से आग्रह किया कि यदि इंडिगो अपने स्वयं के कर्मचारियों की कमी के कारण यात्रियों के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में विफल रहती है, तो वह अन्य विमान कंपनियों को ‘स्लॉट’ (इंडिगो की उड़ानों के निर्धारित समय) का पुनर्मूल्यांकन करने और पुनः आवंटित करने पर विचार करे जो छुट्टियों एवं कोहरे के मौसम के दौरान बिना किसी व्यवधान के उन्हें संचालित करने की क्षमता रखती हैं।
इंडिगो ने बुधवार को विभिन्न हवाई अड्डों पर 150 से अधिक उड़ानें रद्द कर दीं और सैकड़ों उड़ानें काफी समय तक विलंबित रहीं। ऐसा कई कारणों से हुआ जिनमें नए एफडीटीएल मानदंडों के कार्यान्वयन के कारण चालक दल की कमी भी शामिल है।
नागर विमानन मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, तीन दिसंबर को छह प्रमुख हवाई अड्डों से इंडिगो की केवल 19.7 प्रतिशत उड़ानें ही समय पर पहुंचीं एवं रवाना हुईं।
इसमें कहा गया, ‘‘ अन्य सभी विमान कंपनियों ने पर्याप्त संख्या में पायलटों की व्यवस्था की है और समय पर योजना एवं तैयारी से काफी हद तक उनकी सेवाएं अप्रभावित हैं। वर्तमान व्यवधान इंडिगो की विभिन्न विभागों, विशेष रूप से उड़ान संचालन में, लंबे समय से चली आ रही और गैर-परंपरागत कम मानव शक्ति की रणनीति का प्रत्यक्ष परिणाम है।’’
पायलटों के संगठन ने आरोप लगाया कि ‘‘ पूर्ण एफडीटीएल कार्यान्वयन से पहले दो वर्ष की तैयारी अवधि के बावजूद, विमान कंपनी ने बेवजह भर्ती पर रोक लगा दी…।’’
संगठन ने कहा, ‘‘ एफआईपी इस बात की पुरजोर वकालत करता है कि डीजीसीए को मौसमी उड़ान अनुसूचियों को तभी मंजूरी देनी चाहिए, जब विमान कंपनियां यह साबित कर दें कि उनके पास नए एफडीटीएल मानदंडों के तहत सुरक्षित एवं विश्वसनीय तरीके से उड़ान भरने के लिए पर्याप्त संख्या में पायलट हैं।’’
भाषा निहारिका रमण
रमण

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