नयी दिल्ली, 15 मई (भाषा) निजी क्षेत्र के इंडसइंड बैंक ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसके आंतरिक ऑडिट विभाग ने बही-खाते के अन्य परिसंपत्तियां खंड में 595 करोड़ रुपये की ‘बिना दस्तावेजी प्रमाण वाली राशि’ पाई गई है। इस सिलसिले में प्रमुख कर्मचारियों की भूमिकाओं की भी जांच हुई है।
इंडसइंड बैंक ने शेयर बाजार को दी एक सूचना में कहा कि बही-खाते की यह शेष राशि आगे चलकर जनवरी, 2025 में ‘अन्य देनदारियां’ खातों में दिखने वाली समान राशि से समायोजित कर दी गई।
इसने कहा कि इस संबंध में व्हिसलब्लोअर की शिकायत मिलने के बाद बोर्ड की ऑडिट कमेटी ने आंतरिक ऑडिट विभाग को ‘अन्य संपत्ति’ और ‘अन्य देनदारियों’ में दर्ज लेनदेन की समीक्षा करने के लिए कहा था।
यह बैंक के सूक्ष्म वित्त व्यवसाय की समीक्षा के अलावा था जिसकी जानकारी ऋणदाता ने 22 अप्रैल को शेयर बाजारों को दी थी।
बैंक ने कहा, ‘‘आंतरिक ऑडिट विभाग ने आठ मई, 2025 को अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है। इसके मुताबिक, बैंक के ‘अन्य परिसंपत्तियां’ खातों में 595 करोड़ रुपये तक की बिना दस्तावेजी प्रमाण वाली राशि थी। इसे जनवरी, 2025 में ‘अन्य देनदारियां’ खातों में नजर आने वाली समान राशि से समायोजित कर दिया गया था।’’
इंडसइंड बैंक ने कहा कि ऑडिट विभाग ने इस संदर्भ में प्रमुख कर्मचारियों की भूमिकाओं और कार्यों की भी जांच की है।
इससे पहले 22 अप्रैल को बैंक ने कहा था कि खातों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया के हिस्से के रूप में, बैंक का ऑडिट विभाग कुछ चिंताओं की जांच करने के लिए बैंक के एमएफआई व्यवसाय की समीक्षा कर रहा है और इसमें ईवाई की भी मदद ली जा रही है।
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