बढ़ते बकाए के बीच जयपुर डिस्कॉम ने राजस्व वसूली तेज की
बढ़ते बकाए के बीच जयपुर डिस्कॉम ने राजस्व वसूली तेज की
जयपुर, 14 दिसंबर (भाषा) राजस्थान की बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के सामने बढ़ते बकाए और लंबे समय से चली आ रही ढांचागत चुनौतियों के मद्देनजर जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (जेवीवीएनएल) ने राजस्व वसूली तेज की है। साथ ही सतर्कता भी बढ़ाई है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
राजस्थान में बिजली वितरण का काम तीन सरकारी डिस्कॉम – जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (जेवीवीएनएल), जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (जेडीवीवीएनएल) और अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (एवीवीएनएल) करती हैं।
ये राज्य के शहरी और ग्रामीण इलाकों में 1.66 करोड़ नियमित उपभोक्ताओं को सेवाएं देती हैं, जिसमें जयपुर डिस्कॉम के 56.5 लाख उपभोक्ता शामिल हैं।
ये डिस्कॉम कई साल से भारी तकनीकी और वाणिज्यिक नुकसान, बिजली चोरी और बिलों के देरी से भुगतान से जूझ रही हैं जिससे उनके वित्तीय खातों पर लगातार दबाव बना हुआ है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राजस्व संग्रहण में सुधार और नुकसान को कम करना डिस्कॉम की शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है।
नवीनतम अभियान के तहत जयपुर डिस्कॉम ने सबसे ज्यादा बकाया वाले 10 बिजली खंड और 20 उपखंड को चिन्हित किया है। इन क्षेत्रों में 100 प्रतिशत वसूली रिकवरी सुनिश्चित करने के लिए कार्ययोजना तैयार की गई है।
डिस्कॉम की अध्यक्ष आरती डोगरा ने कहा कि इनकी नियमित निगरानी मुख्यालय स्तर पर की जाएगी। उन्होंने चिन्हित किए गए उपखंड के सहायक अभियंताओं के साथ वसूली योजना की समीक्षा की है। इसमें कार्यकारी अभियंता और अधीक्षण अभियंता भी शामिल हुए।
डोगरा ने कहा कि चिन्हित 20 उपखंड में 1.11 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं पर 193 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है। वहीं चिन्हित 10 विद्युत खंड में 1.89 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं पर 237 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है।
उन्होंने अभियंताओं को उपभोक्ता शिविर, परामर्श और निपटान प्रणाली के जरिए राजस्व संग्रहण को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, ”जिन मामलों में नोटिस के बाद भी वसूली नहीं होती उन्हें लोक अदालतों में भेजा जाना चाहिए। जिन इलाकों में उपभोक्ता बकाया भुगतान करने को तैयार नहीं हैं वहां जरूरत पड़ने पर बिजली आपूर्ति बंद करने, ट्रांसफार्मर हटाने और यहां तक कि बिजली लाइनें हटाने जैसे सख्त कदम उठाए जाने चाहिए।”
भाषा पृथ्वी नोमान पाण्डेय
पाण्डेय

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