जापान का एमयूएफजी बैंक श्रीराम फाइनेंस में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी 39,618 करोड़ रुपये में खरीदेगा

जापान का एमयूएफजी बैंक श्रीराम फाइनेंस में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी 39,618 करोड़ रुपये में खरीदेगा

जापान का एमयूएफजी बैंक श्रीराम फाइनेंस में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी 39,618 करोड़ रुपये में खरीदेगा
Modified Date: December 19, 2025 / 03:14 pm IST
Published Date: December 19, 2025 3:14 pm IST

नयी दिल्ली, 19 दिसंबर (भाषा) जापान की मित्शुबिसी यूएफजे फाइनेंशियल ग्रुप (एमयूएफजी) वित्तीय सेवा कंपनी श्रीराम फाइनेंस लि. में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी 39,618 करोड़ रुपये (करीब 4.4 अरब अमेरिकी डॉलर) में खरीदेगी। यह देश के वित्तीय क्षेत्र में सीमा पार सबसे बड़ा निवेश है।

श्रीराम फाइनेंस ने शुक्रवार को बयान में कहा कि एमयूएफजी तरजीही शेयर के माध्यम से अल्पांश हिस्सेदारी हासिल करेगी।

बयान के अनुसार एमयूएफजी बैंक के साथ पक्के समझौतों पर हस्ताक्षर करने से भारत के ऋण एवं वित्तीय सेवा क्षेत्र के मूलभूत सिद्धांतों और भविष्य की वृद्धि क्षमता में विश्वास मजबूत होता है। साथ ही यह श्रीराम फाइनेंस (एसएफएल) के पूंजी आधार को भी मजबूत करेगा और इसकी वृद्धि की गति को तेज करेगा।

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कंपनी ने साथ ही कहा कि एमयूएफजी बैंक द्वारा प्रस्तावित निवेश शेयरधारकों और नियामकी मंजूरी के अधीन है।

एसएफएल के कार्यकारी चेयरमैन उमेश रेवनकर ने कहा, ‘‘ एमयूएफजी सबसे बड़े वित्तीय संस्थानों में से एक है, जिसका व्यापक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क है…। एक प्रमुख निवेशक के रूप में एमयूएफजी का प्रवेश भारत के वित्तीय सेवा क्षेत्र में वैश्विक विश्वास और इसमें एक अग्रणी के रूप में हमारी भूमिका को मजबूत करता है।’’

एमयूएफजी ग्रुप के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) हिरोनोरी कामेजावा कामेजावा ने कहा, ‘‘ श्रीराम फाइनेंस भविष्य के लिए एक समान दृष्टिकोण और मूल्यों को साझा करता है। अपनी वैश्विक क्षमताओं का लाभ उठाते हुए, एमयूएफजी, श्रीराम फाइनेंस की वृद्धि में सहयोग करने और भारत में आर्थिक वृद्धि, समुदायों एवं समाज में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है।’’

इस समझौते के परिणामस्वरूप वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में यह सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रवाह होगा। इससे पहले अक्टूबर में, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के दूसरे सबसे बड़े बैंक, अमीरात एनबीडी बैंक ने 26,853 करोड़ रुपये में आरबीएल बैंक में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने की रुचि जतायी थी।

भाषा निहारिका रमण

रमण


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