वेदांता की खानों में जेसीसीएम ने विवाद निपटान प्रावधानों का उल्लंघन किया : मध्यस्थता न्यायाधिकरणए

वेदांता की खानों में जेसीसीएम ने विवाद निपटान प्रावधानों का उल्लंघन किया : मध्यस्थता न्यायाधिकरणए

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  • Publish Date - July 12, 2021 / 02:06 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:02 PM IST

नयी दिल्ली, 12 जुलाई (भाषा) वेंदांता समूह के जाम्बिया (अफ्रीका) संबंधी कारोबार के मामले में एक मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने आशिंक अंतिम फैसले में व्यवस्था दी है कि तांबे का कारोबार करने वाली जाम्बिया की कंपनी जेडसीसीएम ने वेदांता रिसोर्सेज की कोंकोला कॉपर माइन्स (केसीएम) के शेयरधारक करार में विवाद निपटान प्रावधानों का उल्लंघन किया है। खनन समूह ने सोमवार को यह जानकारी दी।

केसीएम में धातु एवं एवं खनन कंपनी वेदांता रिसोर्सेज की 79.4 प्रतिशत हिस्सेदारी और जाम्बिया सरकार की 20.6 प्रतिशत हिस्सेदारी है जो उसने खनन निवेश कंपनी जेडसीसीएम-आईएच के जरिये ले रखी है।

वेदांता और जाम्बिया के बीच केसीएम को लेकर लंदन में मध्यस्थता मामला चल रहा है। इसकी शुरुआत सरकार द्वारा वेदांता पर लाइसेंस शर्तों को पूरा नहीं करने के आरोप के साथ हुई थी। सरकार का कहना था कि वेदांता ने निवेश के अपने वादे को भी पूरा नहीं किया है।

वेदांता ने इससे पहले केसीएम द्वारा लाइसेंस शर्तों को तोड़ने के आरोपों का खंडन कियाा था।

मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने हाल में इस मामले में आंशिक रूप से अंतिम व्यवस्था देते हुए कहा कि जेसीसीएम ने इसका उल्लंघन किया है। सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज को भेजी सूचना में वेदांता ने कहा कि जेसीसीएम ने उसके, वेदांता तथा जाम्बिया सरकार के बीच शेयरधारक करार का उल्लंघन किया है।

न्यायाधिकरण ने कहा कि इस उल्लंघन की भरपाई करने को जेसीसीएम तत्काल याचिका और संशोधित याचिका वापस ले और अस्थायी परिसमापक को ‘मुक्त’ किया जाए।

इससे पहले जाम्बिया की एक अदालत ने सरकार की ओर से नियुक्त अस्थायी परिसमापक की सुनवाई पर रोक लगा दी थी। यह सुनवाई केसीएम की इकाई के विभाजन तथा तथा संपत्तियों की बिक्री के लिए होनी थी।

वेदांता ने कहा कि केसीएम की परिसमापन की प्रक्रिया पर स्थगन से वेदांता तथा जाम्बिया सरकार को मध्यस्थता पर आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा।

भाषा अजय

अजय मनोहर

मनोहर