JSW Steel Share Price: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस शेयर में बड़ी गिरावट, स्टील सेक्टर पर बढ़ा दबाव – NSE: JSWSTEEL, BSE: 500228

JSW Steel Share Price: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस शेयर में बड़ी गिरावट, स्टील सेक्टर पर बढ़ा दबाव

JSW Steel Share Price: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस शेयर में बड़ी गिरावट, स्टील सेक्टर पर बढ़ा दबाव – NSE: JSWSTEEL, BSE: 500228

(JSW Steel Share Price, Image Credit: IBC24 News Customize)

Modified Date: May 2, 2025 / 06:01 pm IST
Published Date: May 2, 2025 6:01 pm IST
HIGHLIGHTS
  • सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद JSW स्टील के शेयर में 5.81% की गिरावट।
  • भूषण पावर JSW के EBITDA और उत्पादन में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
  • निवेशकों को शॉर्ट टर्म अस्थिरता में सतर्क रहने और दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाने की सलाह।

JSW Steel Share Price: सुप्रीम कोर्ट ने भूषण पावर एंड स्टील के अधिग्रहण प्लान को सुप्रीम कोर्ट ने ‘गैरकानूनी’ करार दिया है। इसके बाद शुक्रवार को JSW स्टील के शेयर 5.81% टूटकर 970 रुपये पर पहुंच गया। कोर्ट ने कहा कि अधिग्रहण केवल इक्विटी के जरिए होना चाहिए था, जबकि JSW ने इक्विटी और कन्वर्टिबल डिबेंचर का मिश्रण इस्तेमाल किया। यह फैसला कॉर्पोरेट इनसॉल्वेंसी प्रक्रिया के लिए एक मिसाल बनेगा और भविष्य में कंपनियों को ज्यादा सतर्क रहना होगा।

JSW का अधिग्रहण प्लान और कोर्ट की आपत्ति

JSW स्टील ने 2021 में भूषण पावर में 49% हिस्सेदारी कॉर्पोरेट इनसॉल्वेंसी प्रक्रिया के तहत खरीदी थी, जिसे बाद में 86% तक बढ़ा दिया गया। इससे JSW को ओडिशा में 2.75 मिलियन टन सालाना स्टील उत्पादन की क्षमता मिली। लेकिन कोर्ट ने कहा कि तय समयसीमा में प्लान पूरा नहीं हुआ और अधिग्रहण का तरीका नियमों के खिलाफ था। जिसके बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने भूषण पावर की लिक्विडेशन का आदेश दिया है।

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निवेशकों की चिंता

भूषण पावर JSW की कुल उत्पादन क्षमता का लगभग 12.5 फीसदी और EBITDA का 10 फीसदी हिस्सा देता है। लिक्विडेशन की स्थिति में JSW को यह क्षमता और मुनाफा गंवाना पड़ सकता है। इससे कंपनी की भविष्य की ग्रोथ प्रभावित हो सकती है। जिससे निवेशकों के लिए चिंता और बढ़ गई है।

क्या करें निवेशक?

बताया जा रहा है कि JSW अब रिव्यू पिटीशन दाखिल कर सकती है, जिसमें केवल इक्विटी के जरिए डील को मंजूरी मांगी जाएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि कन्वर्टिबल डिबेचर हटाने से कोर्ट में राहत मिल सकती है। फिलहाल, निवेशकों को शॉर्ट-टर्म में अस्थिरता के लिए तैयार रहना और कंपनी की अन्य परियोजनाओं जैसे ओडिशा प्लांट पर नजर बनाए रखना चाहिए।

नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

मैं 2018 से पत्रकारिता में सक्रिय हूँ। हिंदी साहित्य में मास्टर डिग्री के साथ, मैंने सरकारी विभागों में काम करने का भी अनुभव प्राप्त किया है, जिसमें एक साल के लिए कमिश्नर कार्यालय में कार्य शामिल है। पिछले 7 वर्षों से मैं लगातार एंटरटेनमेंट, टेक्नोलॉजी, बिजनेस और करियर बीट में लेखन और रिपोर्टिंग कर रहा हूँ।