अखिल भारतीय सर्वे के लिए श्रम ब्यूरो ने बीईसीआईएल से करार किया

अखिल भारतीय सर्वे के लिए श्रम ब्यूरो ने बीईसीआईएल से करार किया

अखिल भारतीय सर्वे के लिए श्रम ब्यूरो ने बीईसीआईएल से करार किया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:37 pm IST
Published Date: March 19, 2021 10:27 am IST

नयी दिल्ली, 19 मार्च (भाषा) श्रम ब्यूरो ने ब्रॉंडकास्ट इंजीनियिरंग कंसल्टेंट्स ऑफ इंडिया लि. (बीईसीआईएल) के साथ सेवा स्तर का करार किया है। यह करार अखिल भारतीय सर्वे (प्रवासी मजदूर सहित) को तकनीकी और श्रमबल समर्थन उपलब्ध कराने के लिए है।

श्रम मंत्रालय ने शुक्रवार को बयान में कहा कि इस करार पर दस्तखत आईटी-आधारित सर्वे के क्षेत्र में एक नए दौर की शुरुआत है। श्रम ब्यूरो श्रम मंत्रालय का एक संबद्ध कार्यालय है।

ब्यूरो द्वारा किए जाने वाले सर्वे का बीईसीआईएल द्वारा उपलब्ध कराई गई प्रौद्योगिकी से एकीकरण किया जाएगा। इससे सर्वे को पूरा करने के समय में कम से कम 30 से 40 प्रतिशत की बचत होगी।

 ⁠

मंत्रालय ने फैसला किया है कि नयी श्रेणी ‘निश्चित अवधि का रोजगार’ (एफटीई) के क्रियान्वयन के लिए आईटी भागीदार द्वारा इन सर्वे के समर्थन के लिए जोड़े गए श्रमबल को निश्चित अवधि के रोजगार की पेशकश की जाएगी।

निश्चित अवधि का रोजगार हालिया श्रम संहिता एक ऐतिहासिक प्रावधान है। इसके तहत निश्चित अवधि के रोजगार वाले श्रमिकों को भी स्थायी श्रमिकों के समान दर्जा दिया जाएगा और उन्हें विभिन्न लाभ प्रदान किए जाएंगे।

श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने कहा, ‘‘ये सर्वे काफी उपयोगी होंगे और सरकार को प्रवासी श्रमिकों तथा संगठित और असंगठित क्षेत्र में रोजगार की स्थिति के बारे में आंकड़े उपलब्ध कराने की दृष्टि से पासा पलटने वाले होंगे।’’

श्रम सचिव अपूर्व चंद्रा ने कहा, ‘‘किसी भी डाटाबेस की उपयोगिता उसकी शुद्धता और सामयिकता पर निर्भर करती है। मुझे भरोसा है कि प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से ब्यूरो सर्वे से प्राप्त आंकड़ों की शुद्धता सुनिश्चित कर पाएगा, बल्कि इनकी सामयिकता भी बढ़ेगी।’’

बीईसीआईएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक जॉर्ज कुरुविला ने कहा कि उनका संगठन उन्हें मिले सभी सर्वे को समय पर बेहतर गुणवत्ता के साथ पूरा करने का प्रयास करेगा।

श्रम ब्यूरो के महानिदेशक डी पी एस नेगी ने कहा कि यह पहली बार है जबकि किसी संगठन द्वारा इस तरह आईटी-आधारित सर्वे इतने व्यापक पैमाने पर किया जा रहा है।

भाषा अजय अजय मनोहर

मनोहर


लेखक के बारे में