श्रम मंत्रालय ने माइक्रोसॉफ्ट के साथ प्रारंभिक समझौते पर किए हस्ताक्षर
श्रम मंत्रालय ने माइक्रोसॉफ्ट के साथ प्रारंभिक समझौते पर किए हस्ताक्षर
(तस्वीरों के साथ)
नयी दिल्ली, 10 दिसंबर (भाषा) श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने देश में रोजगार अवसर बढ़ाने, कृत्रिम मेधा (एआई) कौशल के विकास एवं कार्यबल की तैयारी को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के साथ एक प्रारंभिक समझौते पर बुधवार को हस्ताक्षर किए।
मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, यह सहयोग रोजगार संबंधों को विस्तारित करने, एआई-आधारित कौशल विकास को बढ़ावा देने और भारत के कार्यबल को वैश्विक अवसरों के लिए तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
बयान में कहा गया कि केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया और माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सत्य नडेला की उपस्थिति में इस आशय के समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
इस साझेदारी के तहत अमेरिकी बहुराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट अपने व्यापक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से 15,000 से अधिक नियोक्ताओं एवं भागीदारों को मंत्रालय के ‘नेशनल करियर सर्विसेज’ (एनसीएस) मंच पर आने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
इस अवसर पर मांडविया ने कहा कि यह साझेदारी भारत के अनुकूल जनसांख्यिकीय लाभांश का लाभ उठाने और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी, डिजिटल रूप से कुशल एवं भविष्य के लिए तैयार कार्यबल खड़ा करने की साझा महत्वाकांक्षा को दर्शाती है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। सामाजिक सुरक्षा के दायरे में 2015 में 19 प्रतिशत आबादी थी जबकि 2025 में यह आंकड़ा बढ़कर 64.3 प्रतिशत हो गया। इससे 94 करोड़ से अधिक नागरिकों को लाभ हुआ है। ई-श्रम और एनसीएस जैसे मंचों में एआई को अपनाकर हम सामाजिक सुरक्षा को मजबूत कर रहे हैं और मार्च 2026 तक 100 करोड़ नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के अपने लक्ष्य के करीब पहुंच रहे हैं।’’
नडेला ने भी सामाजिक सुरक्षा के दायरे में भारत के उल्लेखनीय विस्तार की सराहना करते हुए कहा कि भारत अब 64.3 प्रतिशत आबादी को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करता है जिससे 94 करोड़ लोगों को लाभ मिल रहा है।
उन्होंने ई-श्रम पहल की भी प्रशंसा करते हुए कहा कि इसने लाखों असंगठित श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने का काम किया है। साथ ही वास्तविक समय के आंकड़ों के आधार पर श्रमिक-केंद्रित नीतियां बनाने की भारत की क्षमता को मजबूत किया है।
भाषा निहारिका प्रेम
प्रेम

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