नयी दिल्ली, 24 मार्च (भाषा) लोकसभा ने शुक्रवार को 64 आधिकारिक संशोधनों के साथ वित्त विधेयक 2023 पारित कर दिया। जिन संशोधनों को मंजूरी दी गयी है, उसमें जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण का गठन तथा बॉन्ड में निवेश वाले कुछ श्रेणी के म्यूचुअल फंड के मामले में दीर्घकालीन कर लाभ को वापस लेना शामिल है।
विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच वित्त विधेयक बिना चर्चा के ध्वनिमत से पारित हुआ और इसके साथ आगामी वित्त वर्ष के बजट की प्रक्रिया सदन में पूरी हो गयी।
विपक्षी सदस्य अडाणी समूह की कंपनियों के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिये संयुक्त संसदीय समिति की मांग कर रहे थे और इससे संबंधित नारे लिखी तख्तियों को आसन के समक्ष आकर लहरा रहे थे।
हंगामे के बीच ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त विधेयक 2023 को सदन के विचारार्थ और पारित करने के लिए प्रस्तुत किया। उन्होंने वित्त विधेयक को पेश करते हुए सरकारी कर्मचारियों के पेंशन से जुड़े मुद्दों पर गौर करने के लिये वित्त सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित करने की भी घोषणा की।
उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक विदेश में यात्रा के लिये क्रेडिट कार्ड के जरिये भुगतान पर गौर करेगा। इस तरह के भुगतान में स्रोत पर कर कटौती नहीं हो पाती।
सीतारमण ने एक फरवरी को बजट प्रस्तावों के साथ संसद में पेश वित्त विधेयक में 64 आधिकारिक संशोधन रखे।
इसके साथ ही वित्त विधेयक लोकसभा में विपक्षी दलों के हंगामे के कारण बिना किसी चर्चा के पारित हो गया।
संशोधनों के बाद विधेयक में 20 नई धाराएं जोड़ी गई हैं। अब वित्त विधेयक को मंजूरी के लिये राज्यसभा में भेजा जाएगा।
भाषा
मानसी रमण
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