लंबे समय तक उच्च तापमान से महंगाई, वृद्धि पर असर : मूडीज

लंबे समय तक उच्च तापमान से महंगाई, वृद्धि पर असर : मूडीज

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  • Publish Date - May 23, 2022 / 02:07 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:58 PM IST

नयी दिल्ली, 23 मई (भाषा) मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने सोमवार को कहा कि लंबे समय तक उच्च तापमान भारत के लिए नुकसानदेह है, क्योंकि इससे महंगाई बढ़ सकती है और वृद्धि प्रभावित हो सकती है।

मूडीज के मुताबिक दीर्घावधि में, भौतिक जलवायु जोखिमों के प्रति भारत के अत्यधिक नकारात्मक ऋण जोखिम का मतलब है कि इसकी आर्थिक बढ़त का अस्थिर होना। भारत को लगातार जलवायु संबंधी घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है।

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि वैसे तो भारत में गर्मी की लहर काफी आम हैं, लेकिन यह आमतौर पर मई और जून में अधिक होती हैं। हालांकि, इस साल नयी दिल्ली में मई में गर्मी की पांचवीं लहर देखी गई, जिससे अधिकतम तापमान 49 डिग्री सेल्सियस तक चढ़ गया।

मूडीज ने कहा, ‘लंबे समय तक उच्च तापमान देश के उत्तर-पश्चिम के अधिकांश हिस्से को प्रभावित करेगा, जिससे गेहूं उत्पादन पर असर पड़ सकता है। साथ ही यह बिजली की कटौती का कारण भी बन सकता है। इस कारण उच्च मुद्रास्फीति और वृद्धि के जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है।’

भारत सरकार ने अत्यधिक गर्मी के चलते जून, 2022 को समाप्त होने वाले फसल वर्ष के लिए गेहूं उत्पादन के अपने अनुमान को 5.4 प्रतिशत घटाकर 15 करोड़ टन कर दिया है।

कम उत्पादन और वैश्विक स्तर पर गेहूं की अधिक कीमतों को भुनाने के लिए निर्यात बढ़ने से घरेलू स्तर पर मुद्रास्फीति के दबाव बढ़ने लगे, जिसके चलते सरकार को गेहूं निर्यात रोकने का फैसला लेना पड़ा।

मूडीज ने कहा, ‘यह प्रतिबंध ऐसे समय में आया है, जब रूस-यूक्रेन सैन्य संघर्ष के बाद भारत गेहूं की मांग के वैश्विक अंतर को पूरा करने में सक्षम हो सकता है।’ मूडीज ने कहा कि प्रतिबंध से हालांकि मुद्रास्फीति के दबाव को कम करने में कुछ हद तक मदद मिलेगी, लेकिन इससे निर्यात और बाद में वृद्धि को नुकसान होगा।

फरवरी के अंत में रूस-यूक्रेन सैन्य संघर्ष शुरू होने के बाद वैश्विक स्तर पर गेहूं की कीमतों में 47 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

एजेंसी ने कहा कि प्रतिबंध के कारण भारत के निर्यात भागीदारों को गेहूं की कीमतों में और उछाल का सामना करना पड़ सकता है।

भाषा रिया पाण्डेय

पाण्डेय