जून तिमाही में विलय एवं अधिग्रहण, पीई सौदों का मूल्य 48 प्रतिशत घटकर 17 अरब डॉलर पर

जून तिमाही में विलय एवं अधिग्रहण, पीई सौदों का मूल्य 48 प्रतिशत घटकर 17 अरब डॉलर पर

जून तिमाही में विलय एवं अधिग्रहण, पीई सौदों का मूल्य 48 प्रतिशत घटकर 17 अरब डॉलर पर
Modified Date: July 9, 2025 / 04:27 pm IST
Published Date: July 9, 2025 4:27 pm IST

नयी दिल्ली, नौ जुलाई (भाषा) बढ़ती वैश्विक अनिश्चितताओं और सतर्क निवेश माहौल के कारण जून तिमाही में विलय एवं अधिग्रहण और निजी इक्विटी सौदों का मूल्य तिमाही आधार पर 48 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 17 अरब डॉलर रह गया। सलाहकार फर्म ग्रांट थॉर्नटन भारत ने यह जानकारी दी।

रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल-जून तिमाही में मात्रा के लिहाज से विलय एवं अधिग्रहण (एमएंडए) और निजी इक्विटी (पीई) सौदे जनवरी-मार्च तिमाही की तुलना में 13 प्रतिशत घटकर 582 रह गए।

ग्रांट थॉर्नटन भारत ने कहा कि भारत के एमएंडए और निजी इक्विटी परिदृश्य में जून तिमाही के दौरान उल्लेखनीय गिरावट देखी गई। इस तिमाही में बढ़ती वैश्विक अनिश्चितताओं और सतर्क निवेश माहौल के कारण सौदों की मात्रा और मूल्य दोनों पर असर पड़ा।

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जून तिमाही के दौरान 17 अरब डॉलर के कुल 582 लेनदेन (आईपीओ और क्यूआईपी समेत) किए गए। यह 2023 की जून तिमाही के बाद से एक तिमाही में हुए सबसे कम मूल्य के सौदे हैं। सार्वजनिक बाजार गतिविधियों को छोड़कर, पिछली तिमाही में कुल 12.8 अरब डॉलर मूल्य के 554 सौदे किए गए।

यह गिरावट ईरान-इजराइल संघर्ष, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों को लेकर बनी अनिश्चितता, रूस-यूक्रेन युद्ध और सोने की बढ़ती कीमतों सहित मौजूदा भू-राजनीतिक तनावों के कारण आई।

ग्रांट थॉर्नटन भारत में साझेदार (वृद्धि) शांति विजेता ने कहा, ‘‘नरमी के बावजूद, निजी इक्विटी निवेश में निरंतर गति, नई यूनिकॉर्न कंपनियों के उदय और तिमाही के अंत में सार्वजनिक बाजार गतिविधियों में आशाजनक वृद्धि के संकेत उत्साहजनक हैं।’’

उन्होंने कहा कि इस तिमाही में बैंकिंग और बुनियादी ढांचा जैसे क्षेत्रों में स्थिर गतिविधियां देखी गईं, जो भारत की दीर्घकालिक वृद्धि की कहानी में निवेशकों के निरंतर विश्वास का संकेत है।

भाषा प्रेम

प्रेम अजय

अजय


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