भूमि रिकार्ड के डिजिटलीकरण के मामले में मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा शीर्ष पर: अध्ययन

भूमि रिकार्ड के डिजिटलीकरण के मामले में मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा शीर्ष पर: अध्ययन

भूमि रिकार्ड के डिजिटलीकरण के मामले में मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा शीर्ष पर: अध्ययन
Modified Date: November 29, 2022 / 08:22 pm IST
Published Date: March 4, 2021 5:09 pm IST

नयी दिल्ली,, चार मार्च (भाषा) जमीन का डिजिटलीकरण करने के मामले में मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और ओड़िशा का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा है। एनसीएईआर के भूमि रिकार्ड और सेवाओं के सूचकांक 2020- 21 में यह परिणाम सामने आया है। इसे बृहस्पतिवार को जारी किया गया।

एनसीएईआर के इस सूचकांक में यह बात सामने आई है कि भूमि के रिकार्ड को डिजिटल करने के मामले में करीब करीब सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में प्रगति हुई है। एक साल पहले के मुकाबले सभी ने इस मामले में प्रगति की है।

इस मामले में मध्य प्रदेश लगातार दूसरे साल सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाला रहा है। इसके बाद पश्चिम बंगाल, ओडिशा, महाराष्ट्र और तमिल नाडु का स्थान रहा है। यह निष्कर्ष दो पहलुओं के आधार पर आया है। इसमें भूमि रिकार्ड के डिजिटलीकरण का रिकार्ड करना और इस रिकार्ड की गुणवत्ता पर गौर किया गया है। यह आकलन एनसीएईआर के भूमि रिकार्ड और सेवाओं के सूचकांक 2020-21 में किया गया।

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इस सूचकांक में जहां मध्य प्रदेश और तमिल नाडु ने जहां अपनी स्थिति को बरकरार रखा है वहीं पश्चिम बंगाल ने इस मामले में चार पायदान की प्रगति की है। वह छठे स्थान से आगे बढ़कर दूसरे स्थान पर पहुंच गया। वहीं ओडिशा और महाराष्ट्र अपने पिछले पायदान से एक- एक स्थान नीचे खिसककरण क्रमश तीसरे और चौथे स्थान पर आ गये।

यह इस सूचकांक का दूसरा संस्करण है। जिसे ओमिदयार नेटवर्क इंडिया ने समर्थन दिया है जिसने अपने प्रापर्टी राइट्स रिसर्च कंसोर्सियम की पहल के तहत यह काम किया है। यह कंपनी भारत में भूमि, आवास और संपत्ति के अधिकार के लिये सूबत आधारित निदान के लिये काम कर रही है।

भाषा

महाबीर मनोहर

मनोहर


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