चुनौतियों के बावजूद दीर्घावधि में घरेलू वाहन उद्योग की वृद्धि को लेकर आशान्वित है मारुति

चुनौतियों के बावजूद दीर्घावधि में घरेलू वाहन उद्योग की वृद्धि को लेकर आशान्वित है मारुति

चुनौतियों के बावजूद दीर्घावधि में घरेलू वाहन उद्योग की वृद्धि को लेकर आशान्वित है मारुति
Modified Date: November 29, 2022 / 08:53 pm IST
Published Date: September 27, 2020 10:14 am IST

नयी दिल्ली, 27 सितंबर (भाषा) देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने कहा है कि चुनौतियों के बावजूद वह दीर्घावधि में घरेलू वाहन उद्योग की वृद्धि की संभावनाओं को लेकर आशान्वित है।

घरेलू यात्री वाहन बाजार में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाली कंपनी ने कहा कि अर्थव्यवस्था की स्थिति तथा वाहनों की मांग के बीच नजदीकी संबंध होता है।

मारुति सुजुकी के कार्यकारी निदेशक (बिक्री एवं विपणन) शशांक श्रीवास्तव ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘यदि आप दीर्घावधि के लिए वाहनों की मांग को देखें, तो निश्चित रूप से यह अर्थव्यवस्था की मूल बुनियाद पर निर्भर करेगी। हमने एक अध्ययन किया है। पिछले 25-30 साल के दौरान वाहनों की मांग सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) तथा प्रति व्यक्ति आय से जुड़ी रही है।’’

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उन्होंने कहा कि ऐसे में दीर्घावधि में क्षेत्र का परिदृश्य आर्थिक वृद्धि पर निर्भर करेगा।

श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘दीर्घावधि में हमारा अनुमान है कि बाजार काफी मजबूत रहेगा, क्योंकि दीर्घावधि में अर्थव्यवस्था सकारात्मक रहेगी। हम वृद्धि को लेकर सकारात्मक हैं। हालांकि, लघु अवधि के लिए इसका अनुमान लगाना मुश्किल है।’’

यह पूछे जाने पर कि कंपनी बिक्री और उत्पादन के मामले में कोविड-19 के पूर्व के स्तर पर कब तक पहुंचेगी, श्रीवास्तव ने कहा कि सामान्य आंकड़ों तक पहुंचने में अभी लंबा समय लगेगा।

उन्होंने कहा कि जुलाई के बिक्री आंकड़े पिछले साल के समान महीने के बराबर रहे हैं। हालांकि, अगस्त में उठाव पिछले साल के समान महीने से 20 प्रतिशत बढ़ा है। उन्होंने कहा, ‘‘हम इन आंकड़ों से ज्यादा अनुमान नहीं लगा सकते। यह सही है कि माह दर माह आधार पर प्रगति हो रही है, लेकिन वास्तविक तथ्य है कि पिछले साल आधार प्रभाव काफी निचले स्तर पर था।’’

श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘यदि हम पिछले साल के अगस्त या पिछली जुलाई से तुलना करें तो हम सामान्य आंकड़ों से दूर हैं। इसमें शक नहीं है कि स्थिति सुधरी है। लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि अभी हम सामान्य आंकड़ों से दूर हैं।’’

उन्होंने कहा कि पिछले साल के आंकड़ों से तुलना करना भ्रामक होगा। सुधार हुआ है, लेकिन कंपनी तुलना नहीं करना चाहेगी।

उन्होंने कहा कि यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि कंपनी सामान्य आंकड़ों पर कब पहुंचेगी।

भाषा अजय अजय मनोहर

मनोहर


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