एनसीएलटी ने एमजीएफ डेवलपमेंट्स के खिलाफ दिवाला कार्यवाही वापस लेने की अनुमति दी

एनसीएलटी ने एमजीएफ डेवलपमेंट्स के खिलाफ दिवाला कार्यवाही वापस लेने की अनुमति दी

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  • Publish Date - December 7, 2021 / 05:10 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:25 PM IST

नयी दिल्ली, सात दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने रियल्टी कंपनी एमजीएफ डेवलपमेंट्स के खिलाफ ऋण शोधन अक्षमता कार्यवाही को वापस लेने की मंजूरी दे दी है। रियल्टी कंपनी के वित्तीय कर्जदाताओं-मकान खरीदारों के साथ बकाये के निपटान के बाद एनसीएलटी ने यह अनुमति दी है।

एनसीएलटी ने बकाया लौटाने में चूक के चलते 30 नवंबर को कंपनी के खिलाफ कॉरपोरट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) शुरू करने का निर्देश दिया था। साथ ही कंपनी के कामकाज को लेकर अंतरिम समाधान पेशेवर नियुक्त करते हुए कंपनी के निदेशक मंडल को निलंबित कर दिया था।

एमजीएफ डेवलपमेंट्स ने आदेश पारित करने के एक सप्ताह के भीतर गुरुग्राम के सेक्टर 25 में अपनी परियोजना ‘द विलास कॉन्डोमिनियम’ के रेजिडेंट एसोसिएशन को ब्याज-सुविधा वाली रखरखाव सुरक्षा (आईबीएमएस) रकम ब्याज के साथ वापस कर दी और न्यायाधिकरण से संपर्क कर सीआईआरपी वापस लेने का आग्रह किया।

एनसीएलटी की दो सदस्यीय पीठ ने एमजीएफ डेवलपमेंट्स की याचिका स्वीकार करते हुए सीआईआरपी वापस लेने की अनुमति दे दी।

न्यायाधिकरण ने कहा, ‘‘इसके साथ कंपनी दिवाला प्रक्रिया से मुक्त है और प्रबंधन को पूर्व स्तर पर बहाल किया जाता है।’’

एसोसिएशन ने न्यायाधिकरण से कहा कि उसे कंपनी द्वारा लिये गये ब्याज सुविधा वाले रखरखाव सुरक्षा मद में जमा 8.33 करोड़ रुपये मिल गये हैं। साथ ही 2.71 करोड़ रुपये ब्याज के रूप में प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा कंपनी ने कानूनी खर्च के रूप में 66 लाख रुपये का भुगतान किया है।

भाषा

रमण अजय

अजय