उचित राजकोषीय स्थिति के लिये भरोसेमंद कदम की जरूरत: एन के सिंह

उचित राजकोषीय स्थिति के लिये भरोसेमंद कदम की जरूरत: एन के सिंह

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  • Publish Date - September 13, 2021 / 10:23 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 09:01 PM IST

नयी दिल्ली, 13 सितंबर (भाषा) पंद्रहवें वित्त आयोग के चेयरमैन एन के सिंह ने सोमवार को कहा कि कोविड महामारी खत्म हो जाने के बाद भारत को राजकोषीय स्थिति को बेहतर स्थिति में लाने के लिये भरोसेमंद कदम उठाने चाहिए।

उन्होंने कहा कि देश के कर्ज की मौजूदा स्थिति न तो चिंताजनक है और न ही संतोषजनक। लोगों को और राजकोषीय प्रोत्साहन मांगते समय कर्ज की स्थिति का ध्यान रखना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने महामारी के अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव से निपटने को लेकर विभिन्न चरणों में 30 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की है। यह सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 15 प्रतिशत है।

राजकोषीय शासन व्यवस्था पर सीएसईपी(सेंटर फॉर सोशल एंड इकोनॉमिक प्रोग्रेस)-विश्व बैंक सेमिनार में सिंह ने कहा, ‘‘अगर आप सरकार के कुल राजकोषीय प्रोत्साहन को देखें, 12-13 प्रतिशत से ऊपर है। जब कुछ लोग अधिक राजकोषीय प्रोत्साहन की वकालत करते हैं, तो मुझे लगता है कि हमें सावधान रहने की जरूरत है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही यदि आप सामान्य ऋण कार्यक्रम को देखें, तो ऋण चिंताजनक नहीं है, लेकिन यह संतोषजनक स्तर पर भी नहीं है। हमें इसका ध्यान रखना है। इसलिए, राजकोषीय नीतियों के तहत अगले कदम का मुद्दा एक ऐसा मुद्दा है जो कुछ हद तक चर्चा का विषय है।’’

चालू वित्त वर्ष में बाजार से लिया गया सकल कर्ज करीब 12 लाख करोड़ रुपये रहेगा। बजट में राजकोषीय घाटा 2021-22 में 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो पिछले वित्त वर्ष 2020-21 के 9.5 प्रतिशत के मुकाबले कम है।

जीडीपी के समक्ष ऊंचे करीब 90 प्रतिशत के कर्ज अनुपात को लेकर विभिन्न रेटिंग एजेंसियों ने चिंता जतायी है।

सिंह ने कहा कि राजकोषीय नीति को कड़ा किये जाने पर बातचीत का यह सही समय नहीं हो सकता है। ‘‘ लेकिन मुझे लगता है कि एक बार जब महामारी खत्म हो जाती है तो हमें निश्चित रूप से राजकोषीय स्थिति को सही रास्ते पर लाने के लिए भरोसेमंद कदम उठाने की आवश्यकता होगी। क्या हम इसके लिये स्वयं को तैयार कर रहे हैं।’’

वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में राजकोषीय मजबूती का खाका रखा गया है। इसके अनुसार सरकार ने 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को 4.5 प्रतिशत पर लाने की योजना रखी है।

भाषा

रमण महाबीर

महाबीर