आंकड़ों के अनुमान को खराब मानने की मानसिकता को बदलने की जरूरत: सीईए

आंकड़ों के अनुमान को खराब मानने की मानसिकता को बदलने की जरूरत: सीईए

आंकड़ों के अनुमान को खराब मानने की मानसिकता को बदलने की जरूरत: सीईए
Modified Date: December 23, 2025 / 06:14 pm IST
Published Date: December 23, 2025 6:14 pm IST

नयी दिल्ली, 23 दिसंबर (भाषा) मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने मंगलवार को कहा कि आंकड़ों का अनुमान लगाने के सभी तौर-तरीकों की कुछ सीमाएं होती हैं, लेकिन भारत की जीडीपी का अनुमान लगाने की पद्धति को खराब मानने की मानसिकता को बदलने की जरूरत है।

आर्थिक वृद्धि के आंकड़ों को लेकर कुछ तबकों में जतायी गयी चिंताओं के बीच नागेश्वरन ने कहा कि चिंताएं तभी उठाई जाती हैं जब सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े उम्मीद से कहीं अधिक होते हैं, जबकि आंकड़ों के निराशाजनक होने पर तौर-तरीकों पर कोई सवाल नहीं उठाया जाता।

मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि भारत के जीडीपी के आंकड़े वास्तविक स्थिति को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहे हैं, लेकिन दुर्भाग्य से, ये सभी… अधूरी जानकारी वाले या अपूर्ण प्रश्न जानबूझकर लोगों के मन में संदेह पैदा करने के लिए अनुत्तरित छोड़ दिए जाते हैं। इससे कोई खास लाभ नहीं होता क्योंकि ये प्रश्न सावधानीपूर्वक और सटीकता के साथ नहीं उठाए जाते हैं।’’

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उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा आयोजित सीपीआई, जीडीपी और आईआईपी के आधार संशोधन पर परामर्श कार्यशाला में विभिन्न हितधारकों को संबोधित करते हुए यह बात कही।

नागेश्वरन ने कहा, ‘‘सामान्य तौर पर, हम अनुमान लगाने की प्रक्रिया में लगे हुए हैं और अनुमान लगाने के सभी तौर-तरीकों की अपनी सीमाएं होती हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि हम अपनी पद्धतियों पर सवाल उठाने के बहुत शौकीन हैं और दूसरों की पद्धतियों पर कम। कहीं न कहीं इसके पीछे यह सोच है कि हमारे तौर-तरीके दूसरों से खराब हैं। यह हमारी मानसिकता को भी दर्शाता है और इसे हमें बदलने की आवश्यकता है।’’

सीईए ने सरकार के आंकड़ों के अनुमानों की आलोचना करने वालों को जवाब देते हुए कहा कि आंकड़ों का मूल्यांकन करने, उन्हें सार्वजनिक करने या उनकी आलोचना लिखने के तरीके में सभी को अधिक परिपक्व होने की आवश्यकता है।

भाषा रमण अजय

अजय


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